-- मिलन सिन्हा
सपनों का गाँव
सपनों का गाँव
यह गाँव है , सपनों का गाँव है
हरियाली है, खुशहाली है
होली है, क्रिसमस है, ईद है, दिवाली है
पतंग है, उमंग है
मोहक यहाँ का सब रंग ढंग है
अपनी धरती, अपना आकाश है
दूर नहीं, सब आस-पास है
नदी है, नाव है, धूप है, छांव है
फूलों का सुगंध है, धूल-सना पाँव है
यह गाँव है , सपनों का गाँव है।
अमराई है, तराई है
हर चीज अपनी, नहीं कुछ पराई है
कोयल की कूक है, प्यार की हूक है
बात मीठी -मीठी, पर दो टूक है
सम्बन्ध है मधुर, प्रेम है भरपूर
बुराई है यहाँ से बहुत ही दूर
गहरा लगाव है, अच्छा स्वभाव है
पनघट है, नीम की छांव है
यह गाँव है , सपनों का गाँव है।
और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं।
Nice stuff sir!
ReplyDeleteधन्यवाद। असीम शुभकामनाएं।
Deletesir
ReplyDeleteIndia is the country of village nice poem
regards
Pushkar kr sinha
Bgp
धन्यवाद। असीम शुभकामनाएं।
DeleteAchhi lagee kavita.Gaon ka varnan aapne achha kia hai is kavita main.SG
ReplyDeleteआपके मंतव्य के लिए धन्यवाद। असीम शुभकामनाएं।
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