Friday, October 30, 2015

आज की बात: 'बिहार को बिहारी ही चलाएगा' का क्या मतलब ?

                                                                                                -  मिलन सिन्हा

nitishबिहार को बिहारी ही चलाएगा, ऐसा चुनाव के इस मौसम में नीतीश कुमार कहने लगे हैं, क्यों कि उन्हें बिहारी मतदाताओं को नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को बाहरी बता कर उन पर भरोसा न करने के लिए प्रेरित करना है. राजनीति में ऐसा कहना-करना गैर मुनासिब नहीं कहा जा सकता है. लेकिन तब इस बात से जो बात निकलेगी, उसे भी स्वीकारना तर्क संगत होगा. 

बहरहाल, एक बात तो साफ़ है कि बिहारी में बिहार चलाने की क्षमता है जिसे सभी जानते और मानते हैं. तभी तो अब तक बिहार के मुख्य मंत्री बिहारी ही रहे हैं और आगे भी रहेंगे. तब क्या नीतीश कुमार लोगों को यह कह कर दिग्भ्रमित करना चाहते हैं कि मौजूदा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी या अमित शाह के नेतृत्व में बिहार में सरकार गठित होगी और तब बिहार का सत्यानाश हो जाएगा. चुनावी राजनीति के कम जानकार भी ऐसा घटित होने की कल्पना  तक नहीं कर सकते. 

यद्दपि भारतीय संविधान में हर नागरिक को देश में कहीं से भी चुनाव लड़ने का अधिकार है, तथापि ‘बिहार को बिहारी ही चलाएगा’ वाले बयान से अगर नीतीश कुमार का आशय यह है चुनावी राजनीति में बिहार का प्रतिनिधित्व करने का हक बिहारी को मिलना चाहिए, तो इसका स्वागत होना चाहिए. ऐसा इसलिए कि न तो बिहार में मेधा की कमी है और  न ही मेहनत व संघर्ष के बूते आगे बढ़ने  की क्षमता रखने वाले लोगों की. लेकिन तब नीतीश कुमार को बिहार की जनता से माफी मांगते हुए राज्य सभा में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले शरद यादव, के. सी. त्यागी, पवन वर्मा सरीखे शुद्ध गैर बिहारियों से अविलम्ब इस्तीफा देने का आग्रह करना चाहिए. 

ज्ञातव्य है कि देश के अन्य प्रदेशों में अपनी–अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने एवं तलाशने में विफल रहे अनेक राजनीतिक नेताओं को बिहार के हमारे नीतीश कुमार जैसे नेताओं ने ही सर–आँखों पर बिठाया,  जिससे बिहार के अनेक समर्थ नेताओं को उनके वाजिब हक से वंचित रहना पड़ा. ज्ञातव्य  है कि सम्प्रति राज्यसभा में बिहार का प्रतिनिधित्व करने वाले कुल 16 सांसदों में से 6 सांसद  बिहार से बाहर के हैं और इन 6 सांसदों में से 5 नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से हैं. 
(सन्दर्भ : बिहार विधानसभा चुनाव, 2015)

                  और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं    

 प्रवक्ता . कॉम पर प्रकाशितदिनांक :30.10.2015

Friday, October 16, 2015

आज की कविता : विस्फोट

                                                 - मिलन  सिन्हा 

विस्फोट 
जब 
किसी की 
जबान बन्द हो 
तो सच मानो 
वहां 
विस्फोट की 
अच्छी गुंजाइश है 
पर 
इसके लिए
वहां 
एक खुले 
जबान वाले की 
उपस्थिति 
आवश्यक है ! 

               और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं