Tuesday, December 28, 2021

स्टार्टअप - संभावना ही संभावना

                             - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट  कंसलटेंट

135 करोड़ की आबादीवाले हमारे देश में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है. स्वाभाविक रूप से उनके लिए शिक्षा के साथ-साथ नौकरी, रोजगार, व्यवसाय, व्यापार, उद्यमिता आदि के मायने अहम हैं. हर दृष्टि से बदलाव के स्वर्णिम दौर से गुजरते भारत में विकास की गति अपेक्षाकृत ज्यादा तेज है. युवाओं में नौकरी से स्व-रोजगार की ओर उन्मुख होने के मामले में भी यह स्पष्ट है और स्टार्टअप की बढ़ती संख्या इसका प्रमाण. गौर करनेवाली बात है कि पिछले कुछ वर्षों  में युवाओं में एंटरप्रेन्योरशिप के प्रति बढ़ते रुझान के कारण देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम में अच्छी उन्नति देखी गई है.
अवसर, जोखिम, संभावना, नवाचार आदि के प्रति उनके सकारात्मक जज्बे के कारण यह विश्वास निरंतर मजबूत हो रहा है. टेक्नोलॉजी  का सपोर्ट भी देश में स्टार्टअप की वृद्धि को गति प्रदान कर रहा है.  इंटरनेट की सुलभता, इसका उपयोग करने वालों की संख्या में तेज वृद्धि और इंटरनेट चार्जेज में कमी ने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान की है. 


खुशी और गर्व की बात है कि  देश में तकनीक का समावेश और उपयोग  जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में भी वृद्धि हो रही है.
यूनिकॉर्न स्टार्टअप का मतलब ऐसा स्टार्टअप है जिसका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर तक पहुंच गया हो. 10 अरब डॉलर के वैल्यूएशन से अधिक के स्टार्टअप को डेकाकॉर्न कहा जाता है और 100 अरब डॉलर के वैल्यूएशन तक पहुंचने वाले स्टार्टअप को हेक्टोकॉर्न. वेंचर कैपिटल इंडस्ट्री में इन शब्दों का प्रयोग किया जाता है. उपभोक्ता की जरुरत, सुविधा और प्रोडक्ट की प्राइसिंग को केन्द्र में रख कर उत्तम बदलाव व नवाचार के माध्यम से हर यूनिकॉर्न, डेकाकॉर्न या हेक्टोकॉर्न ने सफलता की उच्च मंजिल को हासिल किया है. कहने की जरुरत नहीं कि देश के स्टार्टअप जैसे फ्लिपकार्ट, पेटीएम, ओला कैब या जोमैटो ने जिस तरह हमारे शॉपिंग, पेमेंट, आवागमन या खाने के सिस्टम व कल्चर को चेंज किया, उससे उनके डायनामिक बिज़नस मॉडल की पुष्टि होती है. 

 
यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होने वाला भारत का पहला स्टार्टअप इनमोबी था जिसे 2011 में यह सम्मान हासिल हुआ था. 2011 से 2014 के बीच देश का  केवल चार स्टार्टअप ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो पाया. उसके बाद इसमें वृद्धि तेज हुई और 2020 तक यह संख्या बढ़कर 37 तक पहुंच गई. काबिलेगौर तथ्य यह है कि इंडियन स्टार्टअप्स के लिए 2021 का साल अब तक बेहतरीन और बहुत उत्साहवर्धक रहा है. इस साल यानी वर्ष 2021 के पहले दस महीने में फर्स्ट क्राई, मीशो, फार्म इजी, ग्रो, भारत पे, अपग्रेड, ब्लैक बक, ऑफ बिज़नेस, ग्रोफर्स, कारदेखो सहित अब तक भारत के 33 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो चुके हैं.
अगर इसी गति से स्टार्टअप की यात्रा आगे बढ़ती रही तो ये संख्या साल के अंत तक 40 से ज्यादा हो जाएगी. 

 
ज्ञातव्य है कि स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसकी घोषणा 15 अगस्त, 2015 को प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी ने लाल किले से की थी. इसका  उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हो सके. हाल ही में नैसकॉम के टेक्नोलॉजी एंड लीडरशिप फोरम को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री ने  कहा कि इस समय दुनिया भारत की तरफ अधिक भरोसे और उम्मीद से देख रही है.
कोरोना महामारी के इस दौर में  भारत के ज्ञान-विज्ञान और टेक्नोलॉजी ने न केवल खुद को साबित किया है बल्कि खुद को इवॉल्व भी किया है. ऐसे में स्टार्टअप को ऐसे इंस्टीट्यूशंस का निर्माण करना चाहिए जो ऐसे विश्व स्तरीय उत्पाद तैयार करे  जो उत्कृष्टता  के मामले में एक बेहतर मानक स्थापित कर सके.


यह सर्वमान्य तथ्य है कि तेज आर्थिक विकास और हमारी विशाल जनसंख्या देश को एक बड़ा उपभोक्ता बाजार बनाती है. स्टार्टअप के लिए यहां अपार अवसर और संभावना है. देश के युवाओं ने इसे पहचाना है और अब बड़ी संख्या में युवा इस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं. आज जरुरत इस बात की है कि देशभर के सभी शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य से जुड़े लोगों को स्टार्टअप कल्चर और प्रमोशन की पूरी जानकारी हो, जिससे कि वे न केवल छात्र-छात्राओं को इस दिशा में जागरूक करें, बल्कि उन्हें इस ओर अग्रसर होने को निरंतर प्रोत्साहित भी करें.   

 (hellomilansinha@gmail.com)

                  

             और भी बातें करेंगे, चलते-चलते. असीम शुभकामनाएं.            पाक्षिक पत्रिका "यथावत" के 01-15 दिसम्बर , 2021 अंक में प्रकाशित  

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Friday, December 10, 2021

जीवन और सेहत को ऊर्जा से भर देता है ब्रह्ममुहूर्त

                                          - मिलन  सिन्हा,  स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड वेलनेस कंसलटेंट 

आजकल अनेक  लोग जरुरत-बेजरूरत और जाने-अनजाने रात में देर तक जागते हैं और सुबह देर से सोकर उठते हैं. कई मेडिकल रिसर्च और सर्वे में पाया गया है कि बराबर रात में देर से सोनेवाले लोगों को ह्रदय रोग सहित कई अन्य रोगों का शिकार होना पड़ता है. हाल ही में यूरोपियन हार्ट जर्नल में एक सर्वे के हवाले से बताया गया है कि रात के बारह बजे के बाद सोनेवालों में दिल की बीमारी का खतरा करीब 25 प्रतिशत ज्यादा होता है, जब कि 10 से 11 बजे के बीच सोनेवालों को इसका खतरा सबसे कम होता है. स्वाभाविक रूप से देर से सोनेवाले सुबह देर से उठेंगे भी. इससे बायोलॉजिकल क्लॉक का संतुलन  बिगड़ता है और नतीजतन कई अन्य शारीरिक व मानसिक समस्याएं पैदा हो जाती हैं.


अंग्रेजी में कहते हैं, “अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्दी एंड वाइज” अर्थात रात में जल्दी सोनेवाले और सुबह जल्दी उठनेवाले लोग स्वस्थ, समृद्ध और बुद्धिमान होते हैं. सदियों पहले आयुर्वेद में ब्रह्ममुहूर्त अर्थात सूर्योदय से पहले सोकर उठने को स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम बताया गया है. आइए, इसके पीछे जो रोचक और ज्ञानवर्धक तर्क और तथ्य हैं, उस पर थोड़ी चर्चा करते हैं. 


दिनभर के 24 घंटों में से हर 48वें मिनट में मुहूर्त बदलता है. इस हिसाब से हर एक दिन में कुल 30 मुहूर्त होते हैं. इन्हीं तीस मुहूर्तों में से एक मुहूर्त है ब्रह्म मुहूर्त जो  सुबह के 4.24 बजे से 5.12 के मध्य का समय होता है. ज्ञानीजन कहते हैं कि इस समय उठनेवाले लोगों को आंतरिक शक्ति, बुद्धि, सेहत आदि के मामले में अप्रत्याशित लाभ मिलता है.


धर्मग्रंथों की बात करें तो ऋग्वेद के अनुसार 'प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृनिधत्तो, तेन प्रजां वर्धयुमान आय यस्पोषेण सचेत सुवीर:” अर्थात सूर्योदय से पहले उठनेवाला व्यक्ति स्वस्थ रहता है. कोई भी बुद्धिमान व्यक्ति  इस समय को सोकर बर्बाद नहीं करेगा. इस समय उठने वाले लोग हमेशा सुखी, ऊर्जावान बने रहते हैं और उनकी आयु लंबी होती है. सामवेद में लिखा गया है, “यद्य सूर उदितो नागा मित्रो र्यमा,  सुवाति सविता भग:”. अर्थात व्यक्ति को सूर्योदय से पहले ही शौच और स्नान आदि करके ईश्वर की उपासना करनी चाहिए. इस समय व्याप्त अमृत तुल्य हवा से स्वास्थ्य और लक्ष्मी दोनों में वृद्धि होती है. तभी तो इसे सिख धर्म में अमृत बेला कहा गया है.


सामान्य ज्ञान और चिकित्सा विज्ञान की दृष्टि से देखें तो इस समयावधि में वातावरण शांत और ज्यादा ऑक्सीजनयुक्त होता है. वायु और ध्वनि प्रदूषण कम होता है. शुद्ध   हवा   में  सांस   लेने से फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. पूरे शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. परिणाम स्वरुप मस्तिष्क की सक्रियता बढ़ती है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और रोगप्रतिरोधक क्षमता उन्नत होती  है. इतना ही नहीं, ब्रह्ममुहूर्त में उठनेवाले लोगों में वात, पित्त और कफ में बेहतर संतुलन बना रहता है, जिससे शरीर को निरोगी रखने में बहुत मदद मिलती है. 


क्या है वात, पित्त और कफ


आयुर्वेद के अनुसार, मानव शरीर की प्रकृति तीन मुख्य तत्व के अनुसार होती है - 1. वात (वायु व आकाश), 2. पित्त (अग्नि व जल) और 3. कफ (पृथ्वी व जल) हैं. इन तत्वों की मात्रा समय के अनुसार घटती-बढ़ती रहती है.
वात- मांसपेशियों, सांस प्रणाली, ऊत्तकों की गतिविधियों से जुड़ा है.
पित्त- पाचन, उत्सर्जन, चयापचय और शरीर के तापमान प्रक्रियाओं से जुड़ा है.
कफ- शरीर की संरचना यानी हड्डियों, तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों से संबंधित है, जो कोशिकाओं के बेहतर संचालन और जोड़ों को लूब्रिकेशन में अहम भूमिका निभाता है.


शौच आदि से निवृत होकर योग, मेडिटेशन, प्रार्थना और अध्ययन  करने के मामले में यह समय सबसे अच्छा  माना गया है. इससे अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखना आसान होता है जिसके बहुआयामी लाभ हैं. वैज्ञानिक तथ्य है कि इस समय उठनेवालों एवं सकारात्मक एक्टिविटी में समय बिताने वालों का मेमोरी पॉवर और एकाग्रता उन्नत होता है. यही कारण है कि विद्यार्थियों को इस समय अध्ययन करने को प्रेरित किया जाता है. इसके अलावे यह भी पाया गया है कि ब्रह्ममुहूर्त में उठने लोग अपना समय प्रबंधन बेहतर ढंग से कर पाते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता में उछाल देखा जाता है. हां, यहां इस बात का ध्यान रखना निहायत जरुरी है कि ब्रह्ममुहूर्त में उठने के लिए और खुद को तरोताजा महसूस करने के लिए आप रात में कम-से-कम छह से सात घंटे की अच्छी नींद का आनंद उठाएं. सार संक्षेप यह कि आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जागने और  पॉजिटिव सोच के साथ काम करने से हम लोग  ज्यादा सक्रिय एवं रोग मुक्त रह कर लम्बी उम्र तक जीवन का आनंद ले सकते हैं. 

 (hellomilansinha@gmail.com)

                  
             और भी बातें करेंगे, चलते-चलते. असीम शुभकामनाएं.              # "प्रभात खबर हेल्दी लाइफ " में 01.12.21 को प्रकाशित   

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