Tuesday, May 8, 2018

शान्ति बनाम उन्नति

                                                                                                  - मिलन सिन्हा

हमारा देश विविधताओं से भरा एक विशाल देश है. ‘अनेकता में एकता’ विश्व के इस सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश की अनूठी पहचान रही है. हम यह भी जानते हैं कि किसी भी देश को मजबूत बनाने के लिए व्यक्ति व समाज का मजबूत होना अनिवार्य है. इसके लिए देश में होने वाले सामाजिक-आर्थिक विकास का लाभ समाज के सभी तबके को मिलना जरुरी है. और विकास के रफ़्तार को बनाये रखने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों–समुदायों के बीच एकता और भाईचारा का होना आवश्यक है. इतने बड़े देश में कारण-अकारण घटनाएं–दुर्घटनाएं होना अस्वाभाविक भी नहीं है, जिसके रोकथाम के लिए सतत प्रयासरत रहना प्रशासन की बुनियादी जिम्मेदारी है. 

हर अमन पसंद एवं विकासोन्मुख देश की तरह हमारे देश में भी अधिकांश लोग शान्ति, एकता और विकास के पक्षधर हैं; न्यायपालिका सहित देश के सभी संवैधानिक संस्थाओं पर उनका विश्वास है; वे तोड़-फोड़ या दंगे-फसाद में शामिल नहीं होते हैं और कानून का सम्मान करते हैं. विरोध की नौबत आने पर  वे सत्याग्रह जैसे अचूक माध्यम का सहारा लेते हैं. इसके विपरीत, कुछ मुट्ठी भर लोग हर घटना–दुर्घटना के वक्त येन-केन प्रकारेण समाज में विद्वेष व  घृणा का माहौल बनाने की चेष्टा करते हैं, जिससे वे अपना निहित स्वार्थ सिद्ध कर सकें. दुर्भाग्यवश, इन असामाजिक तत्वों को किसी–न–किसी रूप में राजनीति का सहारा मिल जाता है और फिर तो  इन ताकतों के कुत्सित चालों को मानो गति मिल जाती है. ऐसी ही स्थिति में ऐसे तत्व धर्म, जाति, अगड़े-पिछड़े को मुद्दा बनाकर भोले-भाले लोगों को बहकाने, भड़काने और अंततः सामाजिक सदभाव को  नष्ट करने का काम करते हैं. ऐसे ही लोग देश के विभिन्न हिस्सों में छोटी -बड़ी घटनाओं–दुर्घटनाओं के बाद अकारण ही निजी एवं सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में आगे रहते हैं; समाज में उन्माद एवं अविश्वास का बीज बो कर विकास के गति को क्षति पहुंचाते हैं. इससे सबसे ज्यादा  नुकसान समाज के सबसे गरीब लोगों को होता है. 

कहने  की जरुरत नहीं कि ऐसे हर मौके पर समाज के सभी  अमन पसंद एवं जागरूक लोगों, खासकर युवाओं  को  मिलजुल कर ऐसे स्वार्थी तत्वों के नापाक इरादों को बेनकाब करते रहने की आवश्यकता है, जिससे प्रशासन को इनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने में कुछ आसानी हो जाय. तभी हम सब शान्ति व खुशहाली के साथ रहते हुए देश और समाज को उन्नत व मजबूत बना पायेंगे. (hellomilansinha@gmail.com)

                   और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं
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