- मिलन सिन्हा
देखनेवाले
आज
जो लोग
उजाले में हैं
वे
अंधेरे में पड़े
लोगों को
नहीं देख पा रहे हैं .
पर,
अंधेरे में पड़े लोग
उन्हें बराबर
अच्छी तरह
देख रहे हैं !
अक्लवाले
आज
लोग
अक्ल की
बात
कल पर
छोड़ रहे हैं
लेकिन,
अर्थ की
बातों को
अपने स्वार्थ से
तुरत
जोड़ रहे हैं !
और भी बातें करेंगे, चलते - चलते। असीम शुभकमनाएं।
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