Sunday, October 14, 2012

चार लघु कविताएं : प्यार, सुख, शिक्षा, बोध

                                                              - मिलन  सिन्हा 
प्यार 
प्यार 
सफल है 
कब?
जब वह 
सीमाबद्ध न रहे 
तब !

सुख 
जिंदगी 
सुखमय है 
कब ?
जब वह 
दूसरे की 
जिंदगी को भी 
सुख से 
भर सके 
तब !

शिक्षा 
शिक्षा 
सार्थक है 
कब ?
जब वह 
आदमी  को 
विनम्र, भद्र  बनाए 
तब !

बोध 
मिलन 
सफल है 
कब ?
जब वह 
दूसरे को 
बिछुड़न  का 
बोध न कराए 
तब ! 

# जीवन साहित्य के अगस्त '85  अंक में प्रकाशित

                  और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं 

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