- मिलन सिन्हा
प्यार
प्यार
सफल है
कब?
जब वह
सीमाबद्ध न रहे
तब !
सुख
जिंदगी
सुखमय है
कब ?
जब वह
दूसरे की
जिंदगी को भी
सुख से
भर सके
तब !
शिक्षा
शिक्षा
सार्थक है
कब ?
जब वह
आदमी को
विनम्र, भद्र बनाए
तब !
बोध
मिलन
सफल है
कब ?
जब वह
दूसरे को
बिछुड़न का
बोध न कराए
तब !
# जीवन साहित्य के अगस्त '85 अंक में प्रकाशित
# जीवन साहित्य के अगस्त '85 अंक में प्रकाशित
और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं।
Very nice poems.SG
ReplyDeleteThanks for your nice words.
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