- मिलन सिन्हा
लगता है जैसे
वे कर रहे हों एक तैयारी
आज शायद उनकी
आ गयी है बारी
क्या खोया, क्या पाया
ठीक से समझ रहे हैं
गुजरा हुआ एक एक पल
फिर से जैसे जी रहे हैं
कभी ख़ुशी,
तो कभी गम के आंसू
स्वतः निकल रहे हैं
डाक्टरों ने
जवाब दे दिया है
बेतार माध्यम ने
तुरंत यह खबर
परिजनों को दे दिया है
एक एक कर
सब आने लगे हैं
पहुँचते ही
उन्हें छू कर रोने लगे हैं
घर भर गया है
माहौल ग़मगीन
हो गया है
आंसू से फर्श तक
गीला हो गया है
तभी उनकी
लड़खड़ाती आवाज गूंजती है
काहे का यह रोना धोना
हर किसी को तो
एक-न-एक दिन है जाना
मैंने तो फिर भी
खेली है लम्बी पारी
बस, अब तो
एक नये सफ़र की है तैयारी !
Death is not the end and birth is not the beginning of life.Also life should not be measured by the span of time as told by Tolostoy.G.P.Tripathi.
ReplyDeleteप्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। आपको मेरी असीम शुभकामनाएं।
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