(बापू के जन्म दिन के अवसर पर) - मिलन सिन्हा
जोड़ो हर जन से .
न तोड़ो किसी का दिल
अपने धन से .
मत बनो तंग दिल
सबके साथ
रहो घुल मिल .
रहो घुल मिल .
हों ऐसे विचार
जो बन सके
जो बन सके
कर्म का आधार .
न बने व्यवहार तुम्हारा
न बने व्यवहार तुम्हारा
व्यापार का सामान
बढ़ेगा तभी
तुम्हारा मान सम्मान .
रहे चरित्र
हमेशा पवित्र पावन
डिगे नहीं कभी
कैसा भी हो प्रलोभन .
ऐसा हो
तुम्हारा जीवन
जो लोगों के लिए
इस नयी कोशिश में और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं।
Sir
ReplyDeleteThis poem should be published in standard magazine.
Regarsd
pushkar kr sinha
Bgp
Thanks & all the best.
ReplyDeleteSir,jab bhi rah se bhatak jau,aapka ye sandes rah dikhay, aapka sumit
ReplyDeleteThanks for reading the post & sharing your point of view. All the Best.
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