Tuesday, October 2, 2012

आज की कविता : जीवन दर्शन

 (बापू के जन्म दिन के अवसर पर)                                         - मिलन  सिन्हा                                    
अपने मन को 
जोड़ो हर जन से . 
न तोड़ो किसी का दिल 
अपने धन से .
मत बनो तंग दिल 
सबके साथ 
रहो घुल मिल .
हों ऐसे विचार 
जो बन सके 
कर्म का आधार .
न बने व्यवहार तुम्हारा 
व्यापार का सामान 
बढ़ेगा तभी 
तुम्हारा मान सम्मान .
रहे चरित्र 
हमेशा पवित्र पावन 
डिगे नहीं कभी 
कैसा भी हो प्रलोभन .
ऐसा हो 
तुम्हारा जीवन 
जो लोगों के लिए  
बने एक उदाहरण .


इस नयी कोशिश में और भी बातें करेंगे, चलते चलतेअसीम शुभकामनाएं। 

4 comments:

  1. Sir
    This poem should be published in standard magazine.


    Regarsd
    pushkar kr sinha
    Bgp

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  2. Sir,jab bhi rah se bhatak jau,aapka ye sandes rah dikhay, aapka sumit

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    1. Thanks for reading the post & sharing your point of view. All the Best.

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