Monday, August 3, 2020

संकट के संकेत व संदेश

                  - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ...

जिंदगी कब, किसे और कैसा संकेत-संदेश किस प्रकार दे जाती है, उसका अनुमान लगाना तो कठिन होता है, लेकिन ये संकेत-संदेश सबके बहुत काम आते है, खासकर संकट के दौर में.  विद्यार्थियों सहित सभी समझदार लोग इन पर गौर करते हैं और उनके निहितार्थ को समझने का प्रयास भी करते हैं. आज के असामान्य एवं अभूतपूर्व दौर में सभी छात्र-छात्राएं एक सर्वथा नए अनुभव के भागी बन रहे हैं. इस समय मुझे टेली काउंसलिंग करते हुए बहुत सारे विद्यार्थियों की विविध परेशानियों को जानने -समझने और उनका समाधान सुझाने का अधिक अवसर मिल रहा है. एक बात तो बिलकुल साफ़ है कि जिंदगी का यह वक्त सभी विद्यार्थियों को कई अहम सबक सिखा रहा है. समस्या समाधान के कई महत्वपूर्ण सूत्र बता रहा है. इनमें से पांच जरुरी बातों पर चर्चा करने से पहले आइए अमेरिकी लेखक व संपादक लुईस ग्रीज़र्ड के इस कथन पर गौर कर लेते हैं. वे कहते हैं, "ज़िन्दगी का खेल काफी कुछ फुटबॉल के समान है.  इसमें आपको अपने  प्रॉब्लम्स खुद ही टैकल करने पड़ते हैं; अपने डर को ब्लॉक करना पड़ता है और जब मौका हाथ लगे तब अपना पॉइंट स्कोर करना पड़ता है."


1.
जीवन है तो चुनौती और समस्या कम या ज्यादा रहेंगे. सोच पॉजिटिव रखेंगे तो समाधान के रास्ते दिखेंगे या खोज लेंगे, ऐसा मन में विश्वास रहता है. सोच का हमारे कर्म पर गहरा असर होता है. अगर सोच के स्तर पर ही हार मान लेंगे, तो कर्म करने में न तो उत्साह रहेगा और न ही उर्जावान रह पायेंगे. फिर तो इच्छित या अपेक्षित समाधान तक पहुंचना बहुत मुश्किल हो जाएगा. यह समय है पॉजिटिव सोच को मजबूत करने और उस सोच से प्रेरित होकर काम करने का. जिस भी परिस्थिति में हैं, बिना विचलित हुए पहले यह सोचें और देखें कि इसमें अच्छा क्या है या इसको कैसे थोड़ा अपने अनुकूल बना सकते हैं, तमाम दिक्कतों के बावजूद. इतने भर से ही आप सोच के पॉजिटिव जोन में आ जाते हैं और फिर तो कठिन रास्ते भी आसान प्रतीत होते हैं. 


2. अपनी आवश्यकताओं की एक लिस्ट बनाएं. हर विद्यार्थी की लिस्ट थोड़ी अलग होगी, लेकिन ज्यादातर आइटम एक समान होंगे. एक सामान्य जीवन जीने  के लिए आवश्यक सामान. जरा गंभीरता से सोचिए कि जो चीजें हमारे जीवन में फिलहाल शामिल हैं या जिनपर हम निर्भर हैं, उनमें से कितनों का परित्याग करने के बाद भी हम स्वस्थ रह सकते हैं और अपने  बुनियादी दायित्वों का निर्वाह कर सकते हैं. अगर ऐसा सोचने में थोड़ी भी दिक्कत हो रही हो तो अपने क्लास में पढ़नेवाले सबसे गरीब विद्यार्थी से पूछ लें कि आखिर कैसे वह अपनी जीवन यात्रा पर आगे बढ़ता जा रहा है. 


3. विश्व के सबसे चर्चित और प्रसिद्ध हास्य कलाकार चार्ली चैपलिन कहते हैं कि सबसे दुखी करनेवाली बात जिसकी कल्पना मैं कर सकता हूँ वह है विलासिता के बंधन में बंध जाना. बिलकुल सही. विलासिता की कोई सीमा नहीं होती. विलासिता न केवल छात्र-छात्राओं  का पैसा और समय खर्च करता है, बल्कि उसे कृत्रिमता के चंगुल में जकड़ लेता है. इससे विद्यार्थियों की  मौलिकता और अध्ययन क्षमता बहुत दुष्प्रभावित होती है. ऐसे भी मितव्ययता  तथा बचत संकट के साथी माने जाते हैं.


4. इस समय चिंता में लीन रहने के बजाय इस बात पर फोकस करें कि आप क्या-क्या कर सकते हैं. बेहतर होगा कि इसकी एक छोटी सूची बनाकर काम शुरू कर दें. अगर घर से दूर हैं और कमोबेश स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित हैं, तो अभी जहां हैं वहां रहें. आर्थिक परेशानी है तो घरवालों और दोस्तों से सहयोग लेने और मांगने में संकोच न करें. खुद आर्थिक रूप से सक्षम हों तो अपने साथी-सहपाठी  की मदद करने में गौरव का अनुभव करें. अपने खानपान, अध्ययन, एक्सरसाइज आदि पर अधिक समय दें. नेगेटिव या फेक न्यूज़ पर समय बर्बाद करना हर दृष्टि से नुकसानदेह है. ऐसे भी सिर्फ चिंता करने मात्र से किसी को कभी कोई लाभ नहीं होता. 
 
5. इस समय सावधान और सचेत रहना बहुत जरुरी है. किसी भी स्थिति के लिए खुद को तैयार रखना, खासकर मानसिक रूप से फायदेमंद होगा. देखा गया है कि अगर अचानक किसी अनहोनी की सूचना मिलती है तो आमतौर पर विद्यार्थी  घबड़ा जाते है; तनावग्रस्त हो जाते हैं और सही कदम नहीं उठा पाते हैं. इससे अनावश्यक हानि होती है.इसके विपरीत अगर किसी भी संभावित खतरे या दुर्घटना के लिए मानसिक रूप से तैयार रहते हैं तो वह स्थिति आ जाने पर भी वे संयत बने रह पाते हैं और अच्छी तरह उस सिचुएशन को हैंडल कर पाते हैं. इससे नुकसान अगर होता भी है तो बहुत कम होता है. शक्ति, बुद्धि और संयम को धारण कर जीवन पथ पर चलना ऐसे भी सर्वथा उत्तम माना गया है. 

 (hellomilansinha@gmail.com)   


                      और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# साप्ताहिक पत्रिका "युगवार्ता" में 03.05.20 को प्रकाशित 
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com    

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