Saturday, April 15, 2023

जुनून है जरुरी

                                    - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर एंड वेलनेस  कंसलटेंट









9 अप्रैल, 2023 को अहमदाबाद के नरेन्द्र मोदी स्टेडियम में गुजरात टाइटन्स   और कोलकाता नाईट राइडर्स (केकेआर) के बीच खेले गए आईपीएल 20-20 मैच का समापन बेहद रोमांचक और अविस्मरणीय रहा. हो भी क्यों नहीं? जीत के लिए केकेआर को अंतिम पांच गेंद पर 28 रन बनाने थे, जो नामुमकिन प्रतीत हो रहा था, लेकिन केकेआर टीम के एक कम ज्ञात बल्लेबाज रिंकू सिंह ने एक के बाद एक पांच छक्के जड़ कर अपनी टीम की जीत को मुमकिन बना दिया. 

आईपीएल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब किसी टीम ने मैच के आखिरी ओवर में इतने रन बनाकर जीत हासिल की हो. इस तरह रिंकू ने एक नया इतिहास रच दिया और रातोंरात आईपीएल क्रिकेट का हीरो बन गया. सोशल मीडिया में बॉलीवुड के सितारों सहित हजारों लोगों ने रिंकू सिंह के क्रिकेट के प्रति जुनून के बारे लिखा और उसकी भरपूर प्रशंसा की. दरअसल रिंकू ने अपने इन पांच छक्कों के माध्यम से युवा पीढ़ी को पांच संदेश दिए हैं, ऐसा मैं मानता हूँ . क्या हैं वे पांच संदेश, आइए जानते हैं. 

1. लक्ष्य के प्रति समर्पण: रिंकू की जिन्दगी पर नजर डालने पर एक बात बिल्कुल साफ हो जाती है कि वह शुरू से ही  क्रिकेट के प्रति पूर्णतः समर्पित रहा है. उसने क्रिकेट को अपना लक्ष्य बनाया और उस दिशा में तन -मन से लग गया. सच कहें तो उसने स्वामी विवेकानन्द की उस कथन को अपने जीवन में उतार लिया जिसमें स्वामी जी कहते हैं कि एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.

2. कठिनाइयों से घबराना नहीं: हिन्दी फिल्म इम्तिहान का एक गाना है - रुक जाना नहीं तू कहीं हार के, काँटों पे चलके मिलेंगे साये बहार के. रिंकू सिंह की पारिवारिक पृष्ठभूमि पर गौर करें तो पता चलेगा कि आर्थिक तंगहाली के बीच कैसे एक लड़के ने कभी हिम्मत नहीं हारी और तमाम कठिनाइयों के बीच क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बनाए रखा और न केवल खुद निरंतर आगे बढ़ते रहे, बल्कि हमेशा अपने परिवार की आर्थिक उन्नति का जरिया बने. 

3. कड़ी मेहनत करना: क्रिकेट हो या अन्य कोई भी खेल, राष्ट्रीय -अंतर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना और वहां अपनी एक पहचान बनाना कोई आसान काम नहीं है, क्यों कि हर खेल में आजकल बहुत प्रतिस्पर्धा है. इसके लिए कोई शॉर्टकट तरीका नहीं है. बस लगातार कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. प्रसिद्ध अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी तथा कोच विन्सेंट थॉमस लोम्बार्डी सही कहते हैं कि लीडर  पैदा  नहीं  होते, खुद बनते हैं - कड़ी मेहनत की वजह से. और  यही  वो  कीमत  है  जो  इस  या  किसी  और  लक्ष्य   को  प्राप्त  करने  के  लिए  चुकानी  पड़ती  है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के इस लड़के ने इस बात को गांठ बांध ली  और कभी कड़ी मेहनत से जी नहीं चुराया. 

4. संयम रखना: इतिहास के पन्ने संयम से सफलता तक पहुंचनेवाले नायकों से भरे पड़े हैं. अब उसमें एक नाम रिंकू का भी जुड़ गया है. ऐसा इसलिए कि रिंकू ने हमेशा संयम का दामन थामे रखा. वह कई बार अपनी टीम के फाइनल सोलह में तो रहता था लेकिन फाइनल प्लेयिंग ग्यारह में आने से वंचित रह जाता. टीम में होने के बावजूद मैदान में मैच खेलने के बजाय बाहर बैठा खेल देखता, उससे सबक लेता,  रेगुलर प्रैक्टिस करता और अपने सीनियर्स पर भरोसा करता. 9 अप्रैल को खेले गए मैच के अंतिम ओवर में उसने जिस संयम का परिचय दिया उसकी तारीफ सब लोग कर रहे हैं. 

5. अवसर का सही उपयोग: सबके जीवन में ऐसे अवसर आते हैं जब आप कुछ नायाब और अदभुत काम कर सकते हैं. अगर आपने रिकू की तरह उस अवसर का सही उपयोग किया तो यकीनन आप सबको प्रभावित करेंगे और अभूतपूर्व उपलब्धि के हकदार बनेंगे. इससे आपकी एक अलग पहचान बनेगी, आर्थिक फायदे मिलेंगे, आप मोटिवेटेड फील करेंगे, आपका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाएगा और भविष्य में अवसर ने नए-नए द्वार खुलने लगेंगे. इन सबका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ आपके परिवार, टीम या संस्था को भी होगा. निसंदेह रिकू सिंह जैसे युवा इसका ज्वलंत उदाहरण हैं. 

  (hellomilansinha@gmail.com)

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 

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