Friday, August 21, 2020

वर्ल्ड सीनियर सिटीजन्स डे: सुबह की हो सही शुरुआत

                                          - मिलन  सिन्हा,  स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड वेलनेस कंसलटेंट

हमारे देश में सीनियर सिटीजन यानी बुजुर्गों की संख्या ग्यारह करोड़ से ज्यादा है. कोविड -19 महामारी के मौजूदा दौर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों में बुजुर्ग ज्यादा हैं. ऐसे भी सीनियर सिटीजन से संबंधित ख़बरें हमें रोजाना मिलती रहती हैं. इनमें अच्छी ख़बरें कम और बुरी ज्यादा होती हैं. संयुक्त परिवारों के टूटने और एकल परिवारों के बढ़ते जाने के साथ-साथ अन्य कई जाने-अनजाने कारणों से बुजुर्गों की शारीरिक और मानसिक समस्याएं बढ़ती जा रही है. बुजुर्गों को सम्मान देना, उन्हें हेल्दी और हैप्पी रखना आज की पीढ़ी का नैतिक कर्तव्य और समाज का एक बड़ा दायित्व है. ज्ञातव्य है कि डब्लूएचओ अर्थात विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1982 में  "वृद्धावस्था को सुखी बनाइए" का आह्वान किया था.

 
सवाल है कि तमाम दिक्कतों के बावजूद हमारे सीनियर सिटीजन कैसे स्वस्थ और सानंद रहें. यकीनन इसमें उनकी अपनी भूमिका अहम है और इसके लिए मॉर्निंग की शुरुआत गुड होना बहुत जरुरी है. इससे उनके दिनभर की गतिविधियां भी अच्छी बनी रहती है. ऐसे भी हेल्थ एक्सपर्ट्स स्वास्थ्य और सुबह के समय के बीच के गहरे रिश्ते की बात करते रहते हैं.  यहां गुड मॉर्निंग का अर्थ सुबह सो कर उठने के बाद पहले दो  घंटे का अपने स्वास्थ्य के लिए सदुपयोग सुनिश्चित करना है. 


आइए जानते हैं कि सुबह के पहले दो घंटे में क्या-क्या करना चाहिए. 

  
-सुबह आंख खुलने के बाद बिछावन पर लेटे हुए ही तीन-चार मिनट अपने शरीर के विभिन्न अंगों को देखते हुए उसे हिलाएं जिससे धीरे-धीरे शरीर में रक्त संचरण बढ़े. फिर आराम से यानी बिना किसी  झटके के उठकर बैठें और अपने दोनों हथेली को तथा बाद में अपने दोनों  पांव के तलबों को धीरे से मलें .


-इसके पश्चात् बिछावन से उतरने से पूर्व करीब एक मिनट तक अपने दोनों पांवों को लटकाकर  बैठे रहें. अब धीरे से उतरकर आईने में खुद को देखें और मुस्कुराते हुए खुद का अभिवादन करें.
 


-फिर  कहीं भी आराम से बैठ कर धीरे-धीरे कम-से-कम एक गिलास गुनगुना पानी पीएं और साथ में यह सोचें और महसूस करें कि इस पानी से आपका शरीर सींचित हो रहा है और आप हाइड्रेटेड फील कर रहें हैं. कहते हैं न जल ही जीवन है. तो सुबह पानी पीने के बाद आप बेहतर महसूस करेंगे. 


-बताने की जरुरत नहीं कि हमारे शरीर में लगभग 70 प्रतिशत पानी है, जो दिनभर में हमारे शरीर से कई तरीके से निकलता रहता है. लिहाजा शरीर में पानी का अपेक्षित स्तर बनाए रखने के लिए रोजाना दिनभर में तीन से चार लीटर पानी पीने की सलाह डॉक्टर सहित सभी स्वास्थ्य विशेषज्ञ दिया करते हैं. यहां यह स्पष्ट करना जरुरी है कि अगर कोई व्यक्ति किसी रोग विशेष से पीड़ित हैं  और डाक्टरी इलाज में हैं तो डॉक्टर की सलाह के मुताबिक़ ही पानी पीएं.  

 
-अब घर पर ही थोड़ा चहलकदमी करें, 3-4 मिनट बस. इससे शरीर के हर अंग में अपेक्षित रक्त संचार होगा और सारे अंग और सक्रिय होंगे. 


-फिर टॉयलेट-वाशरूम का काम संपन्न कर लें यानी अपने शरीर का वेस्ट क्लीयरेंस अर्थात मल-मूत्र त्याग कर लें. आप हल्का और अच्छा महसूस करेंगे. 


-बाहर निकलकर कुर्सी या बिछावन पर आराम से बैठें और आंख बंद कर एक मिनट तक गहरी सांस लें और अपने माता-पिता-शिक्षक-मित्र-इष्ट देव आदि को याद कर उनके प्रति आभार व्यक्त करें, उन्हें मन-ही-मन थैंक्स कहें.


-अब तुलसी के पांच पत्तों को बढ़िया से धोकर एक-एक  दाना गोलमिर्च व लौंग के साथ बढ़िया से चबाते हुए घर में ही चहलकदमी करें. जो मधुमेह से पीड़ित नहीं हैं, वे इसके बाद एक चम्मच मधु यानी शहद का सेवन करें. इसके बदले एक चम्मच चव्यनप्राश का सेवन कर सकते हैं. इन सबके सेवन से आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा और आप सामान्य तौर पर निरोगी रह पायेंगे. महामारी के इस दौर में तुलसी, गिलोय, गोलमिर्च, दालचीनी, लौंग आदि का काढ़ा पीना बेहतर विकल्प है.


-अब आपका शरीर योगाभ्यास के लिए तैयार हो जाता है  यानी आप अच्छी तरह आसन, प्राणायाम और ध्यान कर सकते हैं. पहले पवनमुक्तासन समूह के तीन-चार आसन अपनी सुविधा और जरुरत के हिसाब से करें. 


-इसे और आसान भाषा में समझाएं तो सिर से लेकर पांव की ऊँगलियों तक शरीर के हर जोड़ को आराम से चला लें. इससे आपका शरीर लचीला हो जाएगा. प्राणायाम में आप अनुलोम-विलोम और भ्रामरी से शुरू कर सकते हैं. 


-इसके बाद आप पांच मिनट ध्यान में बैठें. इसमें और कुछ नहीं तो केवल श्वास को आते-जाते देखें. इतना कुछ करने में सामान्यतः 15-20 मिनट लगेंगे. अब दो-तीन मिनट शवासन में लेटकर खुद को रिलैक्स कर लें. 


-जो लोग योगाभ्यास नहीं करते, उन्हें भी इसकी आदत डालने की कोशिश करनी चाहिए क्यों कि योग का साथ हो तो स्वस्थ रहना आसान हो जाता है. बहरहाल, योग न करनेवाले लोग खुले स्थान पर रोज 20-30 मिनट टहल लें तो भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा होगा.


-कोरोना महामारी के वर्तमान समय में अपने घर के छत पर या अपने कंपाउंड में ही टहलना उचित है. सुबह सूर्योदय के बाद टहलना स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहतर माना गया है. काबिले गौर बात है कि उम्र के इस पड़ाव में अतिउत्साह में कोई भी काम झटके या बहुत तेजी में करना मुनासिब नहीं होता है. अतः आराम से टहलें. अकेले टहलने के बजाय दो गज दूरी बनाकर किसी मित्र या परिजन के साथ टहलें तो एकाधिक कारणों से बेहतर फील करेंगे. 


-इन सब कार्यों से निवृत होने के बाद आपका शरीर पौष्टिक आहार मांगता है. कहते हैं जैसा अन्न, वैसा मन. यह भी कहा गया है कि सुबह का नाश्ता सबसे ज्यादा पौष्टिक होना चाहिए. 


-पौष्टिक आहार का मतलब ऐसा आहार जो सुपाच्य हो और जिससे शरीर को प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट, फैट, मिनरल्स और विटामिन की अपेक्षित मात्रा मिल जाए. लिहाजा, अपने शरीर  की जरूरतों के मुताबिक यथासंभव सात्विक खाना खाएं. 


-कोरोना के दौर में शरीर को विटामिन सी और विटामिन डी की विशेष जरुरत है. नींबू, मौसंबी, आंवला सहित अनेक फल और सब्जी के सेवन से विटामिन सी प्राकृतिक रूप से प्राप्त किए जा सकते हैं. विटामिन डी का सबसे सस्ता और सुलभ स्रोत है धूप. रोज थोड़ी देर धूप में रहें. विकल्प के रूप में स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह से विटामिन डी सप्लीमेंट लें. 


-हां, जब भी खाना खाएं, आराम से खूब चबाकर और स्वाद लेकर खाएं. खाते वक्त टीवी न देखें, मोबाइल पर बात न करें और न ही आपस में अनावश्यक बातचीत करें. 


-कोशिश करें कि खाने के तुरत पहले, खाने के बीच में और खाने के तुरत बाद पानी न पीएं. इससे आपका पाचन तंत्र बेहतर काम करेगा और आप जो कुछ खायेंगे उसका अपेक्षित लाभ आपको मिलेगा. 


कहने का आशय यह कि मॉर्निंग के पहले दो घंटे बुजुर्गों के अगले 22 घंटे की दिशा-दशा निर्धारित करने में बड़ी भूमिका अदा करते है. इसे अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल कर बुजुर्गों के लिए स्वस्थ और सानंद रहना आसान हो जाएगा.
यकीनन, इसमें उनके घरवालों या साथ रहनेवाले लोगों की भी अहम भूमिका होगी.  (hellomilansinha@gmail.com) 



                     और भी बातें करेंगे, चलते-चलते. असीम शुभकामनाएं. 
# लोकप्रिय अखबार "दैनिक जागरण" के सभी संस्करणों में 19.08.20 को प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com 

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