Monday, July 20, 2020

जिम्मेदारी एवं समझदारी

                    - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ...

हमारे देश में 18 साल के युवाओं को मतदान का अधिकार दिया जाता है, जिससे कि वे समाज व  देश हित के काम के लिए अपने प्रतिनिधि चुनने में अपने वोट का उपयोग कर सकें. इस अधिकार के मिलने के साथ ही उनके कंधे पर कई जिम्मेदारी स्वतः आन पड़ती है. ऐसे, किशोरावस्था से ही स्वयं कुछ करने की ललक हर लड़का-लड़की में दिखने लगती है. सभी अभिभावक चाहे-अनचाहे उन्हें छोटी-छोटी जिम्मेदारी देने और उन्हें परखने में पीछे नहीं रहते. सब  जानते हैं कि जिम्मेदारी और समझदारी के बीच गहरा रिश्ता होता है. समझदारी से जिम्मेदारी का निर्वहन  हुआ तो लाभ  ही लाभ, अन्यथा हानि. हां, जिम्मेदारी लेने का अर्थ बड़ा व्यापक है. यह एक समग्र भाव है, जिसके अनेक लाभ हैं. स्वामी विवेकानंद कहते हैं, "खड़े हो जाओ, खुद में हिम्मत लाओ और सारी जिम्मेदारी के लिए खुद जिम्मेदार बनो, तब आप खुद अपने भाग्य के रचियता बन सकते हो."


कहते हैं कि जिस क्षण कोई विद्यार्थी अपने जीवन में हर काम की जिम्मेदारी लेना प्रारंभ करता है, उस क्षण से ही वह एक नए संकल्प और सकारात्मक सोच के साथ चल पड़ता है. रोचक बात है कि जिम्मेदारी देने के मामले में जहां विश्वास की भावना होती है वहीँ  जिम्मेदारी लेने के मामले में आत्मविश्वास की भावना. और जिम्मेदारी के सफल निर्वहन के साथ विश्वास और आत्मविश्वास दोनों भावनाएं सुदृढ़ होती है. सामान्यतः विद्यार्थी जीवन  के उतरार्द्ध में हरेक को जिम्मेदारी लेने और उसे निभाने का मौका मिलने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो कई बार जीवन के अंतिम दिन तक चलता रहता है. ज्ञानीजन कहते हैं कि जिम्मेदारी लेने और निभानेवाले  कभी हारते नहीं हैं. वे या तो जीतते हैं या फिर इस प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखते हैं.


खुद के प्रति जिम्मेदारी बहुत अहम  है. इस जिम्मेदारी के तहत हर विद्यार्थी के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बनना और बने रहना बहुत जरुरी है. इसके लिए खुद को अच्छाई से जोड़ते जाना - शिक्षा, स्वास्थ्य, आचार, विचार आदि सभी मामलों में, अनिवार्य हो जाता है. खुद के प्रति जिम्मेदारी निभाने के इन कार्यों को उपासना के माफिक पूरी आस्था और निष्ठा से करना पड़ता है. इसमें सफल होने या इस तरह काम करने की आदत हो जाने पर छात्र-छात्राएं बड़ी जिम्मेदारी के योग्य बनते जाते हैं. तभी तो आगे चलकर वे इंडस्ट्री, ट्रेड, बिज़नेस, नौकरी या अन्य किसी भी क्षेत्र में जिम्मेदारी के पदों को सुशोभित करते हैं. सब जानते हैं कि जितना बड़ा पद होता है, उसकी उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी होती है और उतनी ही ज्यादा व्यस्तता होती है उस पदासीन व्यक्ति की. इसके बावजूद हर विद्यार्थी की तमन्ना होती है ऐसे पद के लायक बनने की, क्यों कि बड़ी जिम्मेदारी का मतलब होता है कई लीडरशिप क्वालिटी से युक्त होना. 


 हर विद्यार्थी से एक मनुष्य के रूप में अपने परिवार, समाज और देश के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सामान्य अपेक्षा होती है. अतः हर विद्यार्थी को खुद को इस लायक बनाना चाहिए कि वह अपने परिवार, समाज और देश की भलाई के लिए यथोचित योगदान कर सके.
जैसे बच्चे का लालन-पालन करके माता-पिता और अन्य परिजन उसे अपने पांव पर खड़ा होने लायक बनाते हैं और आगे सफलता व समृद्धि के पथ पर बढ़ने में मदद भी करते हैं, उसी तरह परिवार को सम्हालने, सहारा देने और हर सुख-दुःख में साथ खड़ा होने की जिम्मेदारी अब परिवार के लड़के-लड़कियों की होती है. इतना ही नहीं, हर विद्यार्थी के व्यक्तित्व विकास में समाज के न जाने कितने लोगों का प्रत्यक्ष या परोक्ष योगदान होता है - साथी-सहपाठी से लेकर शिक्षक -प्रशिक्षक और जन सेवा के कार्य में लगे अन्य अनेक लोग. सफल, समर्थ और समृद्ध हो जाने के बाद इन लोगों के योगदान को भूल जाना ठीक नहीं. इसलिए हर विद्यार्थी को यह याद रखने की जरुरत है कि वे समाज के जिस भी व्यक्ति की  जिस भी रूप में मदद कर सकें, उसकी हरसंभव कोशिश करते रहें.  
 
देश के स्वतंत्रता संग्राम में हमारे युवाओं ने अहम जिम्मेदारी निभाई. भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु चंद्रशेखर आजाद, उधम सिंह, खुदीराम बोस सरीखे न जाने कितने युवाओं ने इस निमित्त अपने प्राण तक की आहुति दे दी. वे देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं के प्रेरणास्त्रोत हैं और रहेंगे. उस परंपरा के अनुरूप भी इस युवा देश के हर युवा से यह अपेक्षा है कि देश की एकता, अखंडता, मजबूती और उन्नति हेतु  वे न केवल एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, बल्कि एक देशभक्त सिपाही के रूप में आगे बढ़कर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निष्ठापूर्वक निर्वहन करते रहें. तभी हम देश पर आनेवाले बड़े-से-बड़े संकट का भी सफलतापूर्वक बराबर सामना कर पायेंगे. 

 (hellomilansinha@gmail.com) 

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 12.04.2020 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com   

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