- मिलन सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...
सब जानते हैं कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया में आम जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है. इसके मद्देनजर हमारे देश में भी लॉक डाउन और कर्फ्यू तक लगाए गए हैं. लिहाजा, इस आपदाकाल में कुछ आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शिक्षण-प्रशिक्षण सहित सभी सेवाएं कुछ दिनों के लिए बंद किए गए हैं. केंद्र सरकार लगातार प्रभावी कदम उठा रही है और राज्य सरकारों को भी तदनुसार एडवाइजरी जारी कर रही है. चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े लोग इस वायरस से ग्रसित लोगों का समुचित इलाज करने में जी-जान से जुटे हैं. भारत जैसे विशाल देश में यह समय एकजुट होकर सावधानी, सतर्कता और संयम से जानकार, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक के रूप में काम करने का है, जिससे इस महामारी को और ज्यादा फैलने से रोका जा सके. निश्चित रूप से यह बहुत बड़ा काम है जिसमें देश के करोड़ों विद्यार्थियों की भी अहम भूमिका है. हां, ऐसे मुश्किल समय में कुछ बातों को जानकार और साधकर चलना सबके लिए फायदेमंद होता है. आइए, जानते हैं.
पहले तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी नोटिस और एडवाइजरी को गंभीरता से लें. इसमें इस वायरस के संक्रमण से बचे रहने के आसान उपायों एवं किसी कारण से संक्रमित हो जाने की आशंका होने पर तुरत उठाये जानेवाले क़दमों की पूरी जानकारी है. खुद जानकार हो जाने के पश्चात उसका सौ फीसदी पालन करें. इसके बाद अपने परिजनों और आसपास के लोगों को प्रामाणिक यानी सरकार द्वारा दी गई जानकारी से अवगत कराएं और उनसे इसका पालन करने का आग्रह भी करें. उन्हें कंफ्यूज ना करें या डराएं नहीं. एक बात और. ऐसा कोई दोस्त या कोई परिचित अगर किसी दूसरे देश से हाल ही में आया है, वह संक्रमित हो या न हो उससे थोड़े दिन दूर रहना बेहतर है. अगर वह व्यक्ति छुपने की कोशिश कर रहा है या लोगों को अपने ट्रेवल के बारे में बिना बताए अन्य लोगों से मिल रहा है तो पहले तो उसे एकांत में रहने और जरुरी हो तो मेडिकल टेस्ट के लिए प्रेरित करें. नहीं मानने पर प्रशासन को उसके बारे में जरुर बताएं. हां, अभी स्वार्थी तत्वों पर नजर रखना भी जरुरी है, जिससे कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता को गलत जानकारी देकर दिग्भ्रमित और भयभीत न कर सकें.
निसंदेह, इस वक्त खुद को और अपने परिजनों-मित्रों को इस भयानक वायरस से सुरक्षित रखना सबसे जरुरी प्राथमिकता है. इसके लिए सबको कुछ अहम बातों को सख्ती से फॉलो करना पड़ेगा. मसलन घर से बाहर जाने से बचना, हाथ मिलाने, गले मिलने जैसे अभिवादन के तथाकथित मॉडर्न तरीकों के बजाय नमस्ते, सलाम आदि तरीके अपनाना, बाहर से घर आने पर बढ़िया से साबुन से हाथ धोना, धुले हाथ से ही आंख, नाक और मुंह को छूना, लोगों से बात करते वक्त कम-से-कम एक मीटर की दूरी बनाए रखना, भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से बचना आदि. इसमें लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है. आखिर जीवन से बड़ा तो कुछ भी नहीं.
विद्यार्थियों को प्रतिबंध, लॉक डाउन या कर्फ्यू को एक बड़े अवसर के रूप में लेना चाहिए. जो जहां हैं, वहीँ महफूज रहने का प्रयास करें. कुछ परेशानी तो होगी, लेकिन इस अस्थायी परेशानी को ख़ुशी-ख़ुशी झेलें, जिससे कि स्वास्थ्य संबंधी बड़ी समस्या से बचे रह सकें. पढ़ाई-लिखाई के लंबित कार्यों को या कुछ नया सीखने की इच्छा को मूर्त रूप देने के लिए यह समय अच्छा है. इसमें सीबीएसई हेल्पलाइन सहायक होगा. दोस्तों से मिलने उनके घर जाने या उन्हें अपने घर बुलाने के बजाय इस समय फोन पर बात कर लें. मौज-मस्ती के लिए पार्टी आदि में जाने का तो विचार भी मन में न लाएं. घर पर रहकर हेल्थ एंड हाइजीन के अहम बिन्दुओं के विषय में ठीक से जानने का प्रयास करें और उसे फॉलो करने का भी. इससे आपको जीवन में आगे भी बहुत फायदा होगा.
अपने घर के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के सेहत का खास ध्यान रखने तथा उन्हें संक्रमण से पूर्णतः बचाए रखने में सक्रिय सहयोग करें. उनके लिए जरुरी दवाइयां लाकर घर पर रख लें जिससे कि किसी को भी बारबार बाहर जाने की जरूरत न पड़े. एक बात और. संकट के इस दौर में सभी विद्यार्थी अपने और अपने परिजनों के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने का प्रयास करें. इसके लिए सबको हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखने के साथ-साथ पौष्टिक खानपान, व्यायाम या योगाभ्यास, समुचित आराम और नींद पर फोकस करना होगा. कहने की जरुरत नहीं कि मजबूत इम्यून सिस्टम से किसी भी तरह के संक्रमण से लड़ना और बचे रहना आसान हो जाता है.
(hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 05.04.2020 अंक में प्रकाशित#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com
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