- मिलन सिन्हा, हेल्थ मोटिवेटर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट
चीनी का हमारे दैनंदिन जीवन में गहरा दखल है. सुबह से रात तक हम सभी किसी-न-किसी रूप में चीनी का प्रयोग करते हैं. चाय, कॉफ़ी, कोल्ड ड्रिंक्स, डिब्बा–बोतल-पैकेट बंद फ्रूट जूस, मीठे बिस्कुट, केक, खीर-मीठे पकवान, तरह-तरह की मिठाई आदि में चीनी कम या ज्यादा मात्रा में मौजूद रहता है.
हम सभी चीनी का सेवन मूलतः स्वाद में मीठेपन का आनंद लेने तथा शरीर में कार्बोहायड्रेट की जरुरत को पूरा करने के लिए करते हैं. यह कैलोरी का बड़ा और आसान स्रोत है.
आम व्यस्क इंसान को दिनभर में 1800 से 2400 कैलोरी की जरुरत होती है, जो हमें हमारे दैनिक भोजन में शामिल विभिन्न खाद्द्य पदार्थों से मिलता है.
अमूमन एक व्यस्क इंसान को दिनभर में चीनी या मीठे पदार्थों से लगभग 200 कैलोरी मिले तो काफी है. एक चम्मच चीनी से करीब 50 कैलोरी प्राप्त होता है यानी दिनभर में औसतन चार चम्मच चीनी पर्याप्त है. कहते है न कि किसी भी चीज की अधिकता अच्छी नहीं होती. स्वास्थ्य की दृष्टि से चीनी के मामले में भी यह उतना ही सही है. यह तो हुई कैलोरी संदर्भित चीनी की बात.
बहरहाल, मजेदार और सोचनीय सवाल है कि आखिर चीनी को मीठा जहर क्यों कहा जाता है? ऐसा इसलिए कि कार्बोहायड्रेट के एक आसान स्रोत और मिठास के अलावे इसके और कोई गुण नहीं है, बेशक अवगुण कई हैं. मसलन, चीनी मूलतः एसिडिक यानी अम्लीय गुणवाला होता है. फलतः यह कई शारीरिक परेशानियों तथा बीमारियों –मोटापा, मधुमेह, दांत और आंत की तकलीफ, कैंसर आदि का कारण बनता है. तो फिर क्या करें या क्या विकल्प है?
हां, सबसे सरल, सुलभ एवं सुफल विकल्प के रूप में चीनी के बदले गुड़ का सेवन करें. गुड़ में वह सफेदी तथा चमक तो नहीं है, लेकिन उसमें कार्बोहायड्रेट और मिठास के अलावे कई अच्छे तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद रहते हैं. महात्मा गांधी खुद चीनी के बजाय गुड़ का ही सेवन करते थे. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 100 ग्राम गुड़ में करीबन 180 मिलीग्राम मिनरल्स मौजूद रहता है. इसके अलावे गुड़ में विटामिन बी, विटामिन सी और अल्प मात्रा में विटामिन ए भी पाया जाता है. गुड़ खाने के बाद हमारे शरीर में पाचनक्रिया के लिए जरुरी क्षार पैदा होता है जबकि चीनी अम्ल पैदा करती है जो शरीर के लिए नुकसानदेह है. ये अच्छे तत्व रीफाइनमेंट के क्रम में चीनी से निकल जाते हैं. ऐसे प्राकृतिक रूप से अन्न, फल, सब्जी आदि से भी हमारे शरीर को कार्बोहायड्रेट मिल जाता है जो शरीर के लिए बहुत लाभकारी है.
आइए, जानते हैं गुड़ के सेवन से होनेवाले फायदों के बारे में :
- गुड़ में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम रहता है जो हमारे हड्डियों को मजबूत करने में सहायक होता है. इसके अलावे गुड़ में फास्फोरस भी होता है जो शरीर में कफ को संतुलित करने में भी मदद करता है.
- यूँ तो गुड़ का प्रयोग हर मौसम में लाभकारी है, लेकिन गुड़ की तासीर थोड़ी गर्म होने के कारण यह खासकर जाड़े के मौसम में बहुत लाभ पहुंचाता है. यही कारण है कि इस मौसम में गुड़ से बनी बहुत-सी चीजें घर में बनती हैं और बाजार में भी मिलती हैं. हां, सर्दी-जुकाम से परेशान लोग गुड़ से बना काढ़ा पीएं तो राहत मिलेगी.
- पेट की समस्या से परेशान लोगों के लिए गुड़ का सेवन बहुत अच्छा होता है. इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया अच्छी होती है और गैस की परेशानी भी कम होती है. रोजाना लंच और डिनर के बाद थोड़ा-सा गुड़ खाने की हमारी प्राचीन परंपरा से हम सभी अवगत हैं.
- गुड़ के साथ थोड़ा अदरक का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में लाभ पहुंचता है. इससे गले की खराश में भी राहत मिलती है.
- गुड़ हमारे रक्त से हानिकारक तत्वों को निकालने में सहायक होता है. यह नेचुरल ब्लड प्यूरीफायर है. इससे हमारे त्वचा की सेहत अच्छी रहती है. मुहांसे आदि की समस्या में भी लाभ मिलता है.
- गुड़ के नियमित और नियंत्रित सेवन से हमारा ब्रेन सक्रिय रहता है. परिणाम स्वरुप हमारी मेमोरी अच्छी बनी रहती है. माइग्रेन की परेशानी में भी गुड़ के सेवन से लाभ मिलता है.
- गुड़ को एक अच्छे मूड बूस्टर के रूप में भी जाना जाता है. जब भी मूड खराब हो या तनाव से परेशान हों, गुड़ खाकर राहत महसूस करें.
- हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों को भी गुड़ खाने से फायदा होता है. गुड़ थोड़ा पुराना हो तो शरीर के लिए और ज्यादा लाभदायक होता है.
- गुड़ में प्राकृतिक रूप से आयरन की मौजूदगी से एनिमिया से पीड़ित लोगों को बहुत फायदा होता है. इसके सेवन से खून में हिमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है. गुड़ आयरन का ऐसा अच्छा और सुलभ स्त्रोत है कि गरीब-अमीर सभी आयरन की कमी से उत्पन्न रोगों से बचे रह सकते हैं.
कुछ और पॉइंट्स :
1. हमारे देश में गन्ने के रस को प्राकृतिक रूप से बड़े-बड़े कड़ाहों में उबाल कर गाढ़ा करके गुड़ बनाया जाता है. ऐसा हजारों वर्षों से किया जाता रहा है. मटके में जमाया हुआ गुड़ बेहतर माना गया है. ब्रिटिश शासनकाल में ही देश में पहला चीनी मिल खोला गया. उससे पहले तक देशवासी गुड़ का ही सेवन करते थे. अब भी गांवों में अधिकांश लोग गुड़ ही खाते हैं.
2. शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में गुड़ काफी मदद करता है. एलर्जी से परेशान होनेवाले लोगों को भी इसके सेवन से लाभ होता है. अस्थमा के मरीजों को इसका सेवन काफी लाभ पहुंचाता है. आँखों की सेहत के लिए भी गुड़ का सेवन अच्छा माना जाता है.
3. पीलिया से पीड़ित व्यक्ति को थोड़े से सोंठ में गुड़ मिलाकर खाने से काफी फायदा होता है. मूत्र विकार में गुड़ का सेवन लाभ पहुंचाता है. नींबू और गुड़ का शर्बत इंस्टेंट एनर्जी के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है. मेहनतकश लोगों के लिए तो गुड़ सबसे अच्छा एनर्जी बूस्टर है.
4. अगर किसी को भूख नहीं लगने या भूख कम लगने की परेशानी है, तो गुड़ के नियमित सेवन से लाभ होगा. इससे भूख खुलती है. इसमें फाइबर होता है इस कारण गुड़ खाने से कब्ज में भी आराम मिलता है. दरअसल, शरीर को सक्रिय और उर्जावान बनाए रखने में गुड़ अच्छी भूमिका अदा करता है.
एक बात और. बाजार में हर मौसम में गन्ने के रस से बना गुड़ तो मिलता ही है, लेकिन जाड़े के मौसम में ताड़ और खजूर का गुड़ भी मिल जाता है. इनका स्वाद थोड़ा अलग होता है और यह आम गुड़ की तुलना में मंहगा बिकता भी है. ताड़ और खजूर के गुड़ में भी काफी पोषक तत्व प्राकृतिक रूप से मौजूद रहते हैं.
जैसे किसी भी चीज का अत्यधिक सेवन अच्छा नहीं होता, वही बात गुड़ के सेवन पर भी लागू होती है. चीनी की तरह मीठा होने के साथ ही गुड़ भी कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है. अतः मोटे लोगों और मधुमेह से पीड़ित लोगों को गुड़ का सेवन भी सोच-समझकर करना चाहिए.
(hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# दैनिक भास्कर में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com
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