Friday, July 30, 2021

अपना भविष्य खुद लिखें

                          - मिलन  सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट 

हर विद्यार्थी की यह चाहत होती है कि वह जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल करे, उसका भविष्य बेहतर हो. उनके अभिभावक की दिली इच्छा भी यही होती है.
सामान्यतः मेरे हर मोटिवेशनल सेशन में एकाधिक विद्यार्थी यह जानना चाहते हैं कि छात्र जीवन में  क्या-क्या करना चाहिए जिससे कि एक बेहतर भविष्य का निर्माण संभव हो सके. यकीनन अपनी क्षमता पर भरोसा करना, जिम्मेदारी लेना, कर्तव्यनिष्ठ होना तथा वर्तमान समय का पूरा  सदुपयोग करना  बुनियादी शर्त है. हां, सलाह और मार्गदर्शन की जरुरत होती है, लेकिन कोई निर्णय लेने और उस पर अमल करने पर दखल मुख्यतः आपका होता है. स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जब तुम कोई काम करो, उस समय अन्य किसी बात का विचार मत करो. उसे एक साधना-उपासना समझकर उसमें अपना सारा तन-मन लगा दो. हरेक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपना एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास करे. दूसरों के लक्ष्य से प्रभावित हुए बिना अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ कर्म करना जीवन में सफलता को सुनिश्चित करता है. 


क्या सभी विद्यार्थी ऐसा करते हैं? अपने आसपास देखने पर छात्र-छात्राओं को अनायास ही कई  विद्यार्थी मिल जायेंगे जो साधारण से काम को भी पूरा करने के लिए सहारे या बैसाखी की तलाश में रहते हैं. पाठ्यक्रम से जुड़ा कोई मामला हो या दैनंदिन जीवन से जुड़ी कोई आम बात, उन्हें आप सपोर्ट मांगते पायेंगे, अकेले दम पर आगे बढ़ने से वे कतरायेंगे, चुनौतियों से घबराएंगे, निर्णय  लेने से बचेंगे और कुछ हासिल न होने पर दूसरे पर दोष डालेंगे. गौर करने वाली बात यह है कि धीरे-धीरे यह उनकी आदत और कार्यशैली बन जाती है.
दुःख की बात है कि इस क्रम में वे यह भूलने की गंभीर गलती कर बैठते हैं कि इस आदत के कारण धीरे-धीरे वे आत्मविश्वास और साहस के मामले में खासे कमजोर होते जा रहे हैं. उनकी समझदारी परिपक्व नहीं हो पाती है. और-तो-और वे अपने वर्तमान को भी खुलकर नहीं जी पाते हैं. उन्हें दूसरों का मुखापेक्षी बन कर जीना पड़ता है और अक्सर उन्हें अपने स्वाभिमान तक से समझौता करना पड़ता है. घरवालों और दोस्तों के बीच उनकी पहचान एक कन्फ्यूज्ड, अक्षम और कमजोर व्यक्ति के रूप में बन जाती है. इसका खामियाजा उन्हें ही बराबर भुगतना पड़ता है. 


जीवन के किसी भी क्षेत्र में संघर्ष और मेहनत के रास्ते सफलता के शिखर तक पहुंचने वाले लोगों से जब भी यह प्रश्न पूछा जाता है कि उनकी सफलता का राज क्या है तो कई कारणों में एक कॉमन कारण जो वे बताते हैं वह है उनकी सही निर्णय लेने की  क्षमता. जब इस क्षमता को प्राप्त करने के पीछे की बात पूछी जाती है तो वे बताते  हैं कि जीवन यात्रा के दौरान अर्जित अनुभव. जिज्ञासावश अनुभव प्राप्त करने का तरीका बताने के अनुरोध पर वे बोलते हैं कि सामान्यतः ये  अनुभव गलत निर्णय लेने के क्रम में हासिल परिणाम से मिलता है. संदेश बिल्कुल साफ है.  स्वतंत्र होने का साहस करें. लकीर के फकीर बने रहने के बजाय अपने अंदर के लीडर को बाहर निकालें.
वास्तव में हर विद्यार्थी में एकाधिक लीडरशिप क्वालिटी होता है. नए और बेहतर रास्ते तलाशने  की ललक होती है. सच यह भी है  कि वह न तो बने-बनाए रास्ते पर चलने को और न ही किसी का पिछलग्गू बनने को मजबूर होता है. वह सुनता तो कई लोगों की है, लेकिन उस पर अमल करने से पहले चिंतन करने को स्वतंत्र होता है और फिर बिना कनफूजन के आगे बढ़ने का फैसला खुद लेने को भी. हां, गलती हो जाय तो वे दोषारोपण नहीं करते, बल्कि विश्लेषण कर उससे सीख और अनुभव हासिल करते हैं. सफल होने पर वे खुशी को एन्जॉय तो करते हैं, पर साथ ही साथियों के प्रति आभार व्यक्त करना नहीं भूलते. 


अंत में एक प्रेरक प्रसंग. एक बड़े कॉरपोरेट लीडर से उनके एक मित्र ने जब यह पूछा कि आपसे  कई बड़े कारोबारी व उद्योगपति कुछ-न-कुछ सलाह लेने और सीखने आते रहते हैं, जिससे कि उनके कामकाज में उन्नति हो, फिर आप क्यों आउट-ऑफ़-बॉक्स सोचने, नई-नई चीजें सीखने और नए-नए प्रयोग करने में निरंतर लगे रहते हैं? उत्तर में उस कॉरपोरेट लीडर ने कहा कि जब तक मुझमें  कुछ बेहतर जानने-सीखने-करने  की इच्छा बची रहेगी तब तक मैं ऐसा करता रहूंगा और शायद तभी तक वे लोग भी मेरे पास आते रहेंगे. जीवन की सार्थकता इसी में है. हां, यह मेरे और मेरे आर्गेनाईजेशन के बेहतर भविष्य के लिए भी बेहद जरुरी है. 

  (hellomilansinha@gmail.com)                        


             और भी बातें करेंगे, चलते-चलते. असीम शुभकामनाएं.               
"हिन्दुस्थान समाचार समूह" की  पाक्षिक पत्रिका "यथावत" के 16-31 जुलाई, 2021 में प्रकाशित   

#For Motivational Articles in English, pl.visit my site : www.milanksinha.com                                            

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