Monday, September 7, 2020

जीवन से बड़ा कुछ भी नहीं

                   - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...

जीवन है तो छोटी-बड़ी समस्या से सामना होता रहेगा, ऐसा मानकर चलना बेहतर होता है.
स्वामी विवेकानंद तो कहते हैं कि "किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं." समस्या कैसी भी हो सकती है -छोटी या बड़ी, खुद से हल होनेवाली या दूसरे किसी की मदद से सुलझनेवाली या कभी-कभी खुद-ब-खुद ख़त्म हो जानेवाली. हां, ऐसी बहुत ही कम  समस्या होती है जिसका समाधान हमारे पास नहीं होता है. फिर भी ऐसी समस्या अगर  सामने आ ही जाए, जैसा  कि आजकल कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न समस्या, तो उसके साथ बस सावधानी से जीना पड़ता है जिससे कि कम-से-कम नुकसान हो. जो भी हो एक बात तो तय है कि समस्या के सामने आने पर जो घबरा जाते हैं, उन्हें समस्या ज्यादा तंग करती है. संयम और समझदारी  से समस्या के सामने  खड़ा रहनेवाले  व्यक्ति को वह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाती है. 


कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप कई चीजें बदल रही हैं. कुछ मामलों में अनिश्चितता व कनफूजन से विद्यार्थी परेशान हैं. परीक्षाएं देर से हो रही हैं या कब होगी कई बार इसका ठीक से पता नहीं चलता  है. परीक्षाएं पूर्ववत होंगी या ऑनलाइन होंगी,  परीक्षा के बाद रिजल्ट कब और कैसा आएगा, सेशन लेट होगा तो उसका आगे दुष्परिणाम क्या होंगे? फाइनल इयर के विद्यार्थियों को यह चिंता सता रही है कि नौकरी के लिए कैंपस  प्लेसमेंट होगा भी या नहीं,  क्यों कि आर्थिक संकट के इस दौर में कई कम्पनियां पहले ही लोगों को नौकरी से निकाल रहे हैं. अगर सौभाग्य से प्लेसमेंट का चांस मिलता है तो बदली हुई परिस्थिति में पैकेज क्या होगा और जॉइनिंग कितने दिनों के बाद होगा? टेली काउंसलिंग में विद्यार्थियों के साथ बात करते हुए मुझे ज्ञात हुआ कि तमाम ऐसे  और अन्य अनेक सवाल सम्प्रति लगभग सभी विद्यार्थियों को कम या ज्यादा परेशान कर रहे हैं.
निसंदेह आगे भी कुछ दिनों तक ऐसे सवाल उन्हें परेशान करते रहेंगे. वर्तमान समय में यह बिलकुल भी अस्वाभाविक नहीं है. अस्वाभाविक यह होगा कि वे इससे बहुत घबरा जाएं और यह भूल कर कि जीवन का यह भी एक फेज है जो जल्द ही गुजर जायगा, आवेग-आवेश में कोई जानलेवा या गलत कदम उठा लें. दोहराने की जरुरत नहीं कि  कोई भी आत्मघाती कदम समस्या का समाधान नहीं, समस्या से पलायन है. समस्या को ख़त्म करने का प्रयास करने का प्रयास करते रहना चाहिए, न कि इस अनमोल जीवन को नष्ट करने का. 


सच तो यह है कि कोई भी स्थिति-परिस्थिति हमेशा एक समान  नहीं रहनेवाली. जैसे रात के बाद सवेरा होता है जो अंधेरे को मिटा कर दुनिया को प्रकाश से भर देता है, कुछ वैसा ही सबके जीवन में होता है. शांति से रात में नींद का आनंद लेकर सुबह एक नए आशा और उत्साह के प्रकाश से भर जाने के पीछे का दर्शन यही तो है.
हां, शाश्वत सत्य है कि जीवन से बड़ा कुछ भी नहीं. जान है तभी जहान है. यूँ भी हम सबका जन्म जीने के लिए हुआ है, मरने के लिए नहीं. मरना तो एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. सो, सब ध्यान जीने पर लगाना है कि कैसे इस अमूल्य जीवन को पूरी सक्रियता और सार्थकता से जी सकें? इसके लिए इस समय ही क्यों, कभी भी हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लेना है और निम्नलिखित पांच अहम बातों को हमेशा याद रख कर कार्य करना है. 

 
1) उतार-चढ़ाव, सफलता-असफलता, सुख-दुःख हरेक विद्यार्थी के जीवन का हिस्सा होता है. 2) असामान्य स्थिति में शांत रहना और खुद से प्यार करते रहना बहुत लाभप्रद है. 3) दूसरे से तुलना और प्रतिस्पर्धा के बजाय खुद को बेहतर बनाने की हर संभव कोशिश लगातार करते रहें. सकारात्मक सोच और सक्रियता का  परिणाम अंततः पॉजिटिव ही होता है. 4) कुछ तो लोग कहेंगे, पर आपसे बेहतर आपको कोई नहीं जानता. सो, खुद पर अटूट भरोसा बनाए रखें. कभी भी असफलता को दिल से न लें, दिमाग से लें. बेहतर विश्लेषण कर पायेंगे और  एक बेहतर शुरुआत भी. और 5) जब भी कोई बड़ी समस्या या मानसिक परेशानी हो तो खुलकर अपने अभिभावक और अच्छे दोस्तों से मामला साझा करें. इससे दिल हल्का होगा और समाधान पाना आसान भी.


सब विद्यार्थी जानते हैं कि देश-विदेश के अनेकानेक महान लोगों की जिंदगी कई असफलताओं  के बीच से होकर अकल्पनीय सफलता-उपलब्धि-सम्मान हासिल करने की कहानी कहता है.  दरअसल, उन्होंने हर समस्या का डटकर सामना किया, मैदान छोड़कर कभी भागे नहीं. अतः  लाइफ को हमेशा कहें एक विशाल हां और नेगेटिव विचारों को उतना ही बड़ा ना. सब अच्छा होगा.

 (hellomilansinha@gmail.com)  

    
                
                   और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 21.06.2020 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com   

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