- मिलन सिन्हा
जहाँ उसका कामकाज चल रहा था, उस इलाके में बाढ़ की संभावना बराबर बनी रहती थी। बाढ़ से अब तक न जाने कितने घर तबाह हो चुके थे। वह इसी इलाके में बाढ़ की रोकथाम हेतु कांट्रेक्ट लेता रहा था। इस बार भी उसे ऐसा ही कांट्रेक्ट मिला हुआ था।
कई वर्ष बाद उससे मेरी भेंट हुई थी। संक्षेप में हाल - चाल का आदान - प्रदान हुआ। छूटते ही मैंने पूछा, 'आजकल काम-धाम कैसा चल रहा है? '
उसके चेहरे पर अचानक उदासी उतर आई, कहा, 'अरे यार, काम -धाम की क्या पूछते हो ! इस वर्ष तो मैं मारा गया। बाढ़ तो इस बार आई ही नहीं !'
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