Thursday, October 19, 2017
आज की कविता : एक दीया अन्दर जलाएंगे
- मिलन सिन्हा
जेब बेशक खाली
फिर भी मनेगी दिवाली
दिवाली का है
दिल से रिश्ता
दिल को मनाएंगे
मानस को समझायेंगे
किसी रोते को हंसाएंगे
एक दीया अन्दर जलाएंगे
दिवाली तो हम बस
ऐसे ही मनाएंगे !
(hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे,
चलते-चलते
।
असीम शुभकामनाएं
।
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