Tuesday, January 13, 2015
आज की कविता : तैयारी
- मिलन सिन्हा
तैयारी
हमें
'आज' को
'कल' के लिए
तैयार करना है ,
क्यों कि
'कल' के
भरोसे ही तो
हमें जीना है !
और भी बातें करेंगे,
चलते-चलते
।
असीम शुभकामनाएं
।
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