- मिलन सिन्हा
और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं।
# "हिन्दुस्तान" में प्रकाशित
चारों ओर तेजी से
जंगल कट रहे हैं
बेघर होकर बाघ
मारे जा रहें हैं बेरोकटोक
बड़ी संख्या में कायर कागजी शेर
पहनने लगे हैं बाघ की छाल
फ़िल्मी जवां मर्द
मासूम हिरणों का शिकार कर
अपनी नायिकाओं को
मर्दानगी का सबूत पेश कर रहे हैं
इधर बड़े पैमाने पर
सीमेंट कंक्रीट के जंगल
फैल रहे हैं चारों ओर बेतरतीब
जिसमें मानव रूपी अनेक जानवर
विचर रहे हैं बेख़ौफ़
ये एक दूसरे के साथ
खाते हैं, पीते हैं
नाचते हैं, गाते हैं
जरूरत - बेजरूरत एक दूसरे का भी
निःसंकोच शिकार करते हैं
हम आप तो पहले भी
घंटों इन पर खूब चर्चा करते थे
बंद कमरों में बैठकर
बेशक खिड़कियां खुली रहती थीं
घुप्प अंधेरा होने तक
पर जबान दबी -दबी ही रहती थी
अब तो ऐसी चर्चा में
समय भी जाया नहीं करते हम आप
शाम होते ही
मच्छर को घुसने से रोकने के बहाने
खिड़कियां भी बंद कर लेते हैं
नए मकान तक
कम खिड़कियों, रोशनदानों के
बनने लगे हैं
मल्टी चैनल टी वी में
सब कुछ देख लेते हैं हम आप
पर, सच मानिए
इस जंगल राज के
हम आप भी हैं सक्रिय मतदाता !
और भी बातें करेंगे, चलते चलते। असीम शुभकामनाएं।
# "हिन्दुस्तान" में प्रकाशित
No comments:
Post a Comment