- मिलन सिन्हा
तनाव में थोड़ी हड़बड़ाहट लाजिमी है। ऐसे में, कई बार जरूरी काम याद नहीं रहते, जो परीक्षा के ठीक पहले हमारा तनाव बहुत बढ़ा देता है। जैसे, जल्दबाजी में एडमिट कार्ड ही छूट गया। तो क्यों न परीक्षा के पूर्व संध्या को ही एडमिट कार्ड सहित अन्य जरूरी चीजें ठीक से रख लें।
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
आम तौर पर यह देखा गया है कि परीक्षा के मौके पर तनाव बढ़ जाता है। यह बिलकुल स्वाभाविक बात है। लेकिन, अगर जरा सोचें कि परीक्षा आखिर है क्या, तो पायेंगे कि यह तो वाकई हमारे धैर्य, दिमागी संतुलन, ज्ञान व समय प्रबंधन का टेस्ट मात्र है। कहने का मतलब, हमने जो कुछ पढ़ा है, सीखा है उसके बुनियाद पर एक नियत समय सीमा के भीतर पूछे गए प्रश्नों का सटीक जबाव देना है।
कुछ लोग इसे 'पर इच्छा' भी कहते हैं। अर्थात परीक्षा में सब कुछ अपनी इच्छा के अनुरूप हो, यह जरूरी नहीं।
इसलिए, परीक्षा के पहले यह अपेक्षित है कि हम कूल -कूल और नार्मल रहने का प्रयास करें। अब तक जो नहीं पढ़ पाए हैं, उसकी चिंता इस वक्त कतई न करें।प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है न , " जो बीत गयी सो बात गयी ....।" बेहतर तो यह है कि हमने जो पढ़ा है उसी पर फोकस करें। यथासाध्य और यथासंभव उसी का रीविजन करें। फार्मूला, महत्वपूर्ण पॉइंट्स आदि पर विशेष ध्यान दें, उन्हें अंडरलाइन करें , हाईलाइट करें।
परीक्षा जैसे नाजुक अवसर पर यह भी पाया गया है कि ज्यादातर स्टूडेंट यह सोच सोच कर परेशान रहते हैं, अनावश्यक तनाव में रहते हैं कि दोस्त क्या पढ़ रहे हैं, क्या कर रहें हैं। ऐसा सोचना बहुमूल्य समय की बेवजह बर्वादी है। ऐसे वक्त दोस्त को फ़ोन करना गुनाह से कम नहीं। अगर मोबाइल बंद नहीं कर सकते तो कम से कम साइलेंट मोड पर जरूर कर लें। फेस बुक आदि से इस समय दूर ही रहें तो अच्छा। खुद पर और परीक्षा की अपनी तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करें।
तनाव में थोड़ी हड़बड़ाहट लाजिमी है। ऐसे में, कई बार जरूरी काम याद नहीं रहते, जो परीक्षा के ठीक पहले हमारा तनाव बहुत बढ़ा देता है। जैसे, जल्दबाजी में एडमिट कार्ड ही छूट गया। तो क्यों न परीक्षा के पूर्व संध्या को ही एडमिट कार्ड सहित अन्य जरूरी चीजें ठीक से रख लें।
मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना अनिवार्य है। इसके लिए पोषक और संतुलित आहार के साथ - साथ अच्छी नींद जरूरी है। जल और फल इस समय बड़े फलदायक साबित होते हैं।
एक बात और ! परीक्षा के मौसम में रात के नौ बजे तक अवश्य खा लें। हल्का ही खाएं, जल्दी सो जाएं। रात में कम-से-कम 6 घंटे अवश्य सोएं।
एक बात और ! परीक्षा के मौसम में रात के नौ बजे तक अवश्य खा लें। हल्का ही खाएं, जल्दी सो जाएं। रात में कम-से-कम 6 घंटे अवश्य सोएं।
सबेरे नित्य क्रिया से निवृत हो कर कुछ देर फ्री-हैण्ड एक्सरसाइज कर लेने से शारीरिक जकड़न से निजात मिलता है । थोड़ी देर प्राणायाम में अनुलोम विलोम और भ्रामरी कर लेना फायदेमंद रहेगा। परीक्षा केंद्र के लिए निकलने से पहले नाश्ता अवश्य करना चाहिए, अन्यथा परीक्षा के दौरान रह- रह कर या निरंतर परेशानी होती रहेगी, जो कतई ठीक नहीं है। परीक्षा केंद्र पर नियत समय से कम से कम आधा घंटा पहले पहुँचना अनावश्यक घबराहट से हमें बचाता है।साथ में पानी का छोटा बोतल रहे, तो अच्छा।
विशेष कर परीक्षा के दौरान "टेक-इट- इजी" सिद्धांत को फॉलो करना चाहिए। इसी सिद्धांत के तहत प्रश्नों को पहले ठीक से पढना, समझना और फिर उत्तर देना चाहिए।इस अवसर पर स्मार्ट समय प्रबंधन न केवल हमारे परफॉरमेंस को बेहतर बनाता है, बल्कि हमारे मानसिक दबाव को भी नियंत्रण में रखता है।
परीक्षा ख़त्म होने के तुरत बाद सही गलत के पचड़े में पड़ने के बजाय हम खुद से कहें , 'आल इज वेल' और उन सबका शुक्रिया अदा करें जिन्होंने हमें इस परीक्षा में शामिल होने लायक बनाया।
सच मानिए, अगर हम इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखेंगे, तो हमारा मानसिक दबाव और तनाव स्वतः कम हो जाएगा जिसके फलस्वरूप परीक्षा में हमारा परफॉरमेंस निश्चित ही बेहतर रहेगा।
# प्रवासी दुनिया .कॉम पर प्रकाशित, दिनांक :04.08.2013 (परीक्षा से पहले मानसिक दबाव को कैसे कम करें? )
# प्रवासी दुनिया .कॉम पर प्रकाशित, दिनांक :04.08.2013 (परीक्षा से पहले मानसिक दबाव को कैसे कम करें? )
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
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