- मिलन सिन्हा
मुस्कराहट आपके चेहरे की खूबसूरती बढ़ाता है- दन्त चिकित्सक के क्लीनिक सहित कई स्थानों पर आपने भी यह देखा-पढ़ा होगा। स्टूडियो में फोटो खींचने से पहले आपने फोटोग्राफर को अनिवार्य रूप से यह कहते हुए सुना होगा - स्माइल प्लीज। चेहरे पर मुस्कान लिये हमारा अभिवादन करते कर्मियों से हम होटल से लेकर हवाई जहाज तक रूबरू होते रहते हैं।सच है, जैसे मुरझाये हुए पेड़ -पौधे अच्छे नहीं लगते, वैसे ही मुरझाये हुए चेहरे। निःसंदेह, मुस्कराहट हमारे चेहरे पर एक ऐसा मैजिक बैंड है जो दूसरों को दोस्ती और भाईचारे का पैगाम देता है। किसी भी वार्तालाप के सफल समापन में इसकी अहम भूमिका को सभी स्वीकारते हैं। कहते हैं, ईश्वर ने केवल मानव जाति को यह नायाब तोहफा दिया है। लेकिन क्या हम सभी इस अनमोल तोहफे का उपयोग एवं उपभोग अपने जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाने के लिए कर पा रहे हैं ?
विशषज्ञों के इस राय से कौन इंकार कर सकता कि हमारे चेहरे पर तैरते स्वाभाविक मुस्कान हमारे अन्दर व्याप्त ऊर्जा एवं उत्साह का परिचायक होता है।यह भी सही है कि मुस्करानेवाले लोग अपेक्षाकृत कम तनावग्रस्त रहते हैं। लिहाजा, इस बात पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है कि हंसना-मुस्कराना स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने में सहायक होता है। अनेक लोग इसे एक मुफ्त तथापि बेहद प्रभावी प्राकृतिक औषधि की संज्ञा देते हैं, कारण वे जानते हैं कि मुस्कराने की इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में हमारे शरीर में फील -गुड व फील -हैप्पी हॉर्मोन का स्राव होता है जो हमें मानसिक रूप से प्रसन्न रखता है।ज्ञातव्य है कि गांधीजी तथा मदर टेरेसा सहित देश-विदेश के अनेक महान लोग न केवल इसकी अमूल्यता के प्रशंसक रहे हैं, बल्कि अपने दैनंदिन व्यवहार में इसे अमल में लाकर इसका औचित्य भी सिद्ध करते रहे हैं।
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
विशषज्ञों के इस राय से कौन इंकार कर सकता कि हमारे चेहरे पर तैरते स्वाभाविक मुस्कान हमारे अन्दर व्याप्त ऊर्जा एवं उत्साह का परिचायक होता है।यह भी सही है कि मुस्करानेवाले लोग अपेक्षाकृत कम तनावग्रस्त रहते हैं। लिहाजा, इस बात पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है कि हंसना-मुस्कराना स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने में सहायक होता है। अनेक लोग इसे एक मुफ्त तथापि बेहद प्रभावी प्राकृतिक औषधि की संज्ञा देते हैं, कारण वे जानते हैं कि मुस्कराने की इस सम्पूर्ण प्रक्रिया में हमारे शरीर में फील -गुड व फील -हैप्पी हॉर्मोन का स्राव होता है जो हमें मानसिक रूप से प्रसन्न रखता है।ज्ञातव्य है कि गांधीजी तथा मदर टेरेसा सहित देश-विदेश के अनेक महान लोग न केवल इसकी अमूल्यता के प्रशंसक रहे हैं, बल्कि अपने दैनंदिन व्यवहार में इसे अमल में लाकर इसका औचित्य भी सिद्ध करते रहे हैं।
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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