Wednesday, April 9, 2014

व्यंग्य कविता : मिक्सिंग और फिक्सिंग

                                                       - मिलन सिन्हा
cricket

उसने पहले  ढंग से
जाना गेम का सब ट्रिक्स
फिर मैच को
अच्छे से किया फिक्स
जब शोर हुआ  तब
राजनीति से किया उसे मिक्स
पकड़ा गया
फिर भी शर्म नहीं
किसी बात का
कोई गम नहीं
क्यों कि उसे मालूम है
यहाँ मैच को
करके मिक्स और फिक्स
कैसे
मारा जाता है सिक्स !

                  और भी बातें करेंगे, चलते-चलते असीम शुभकामनाएं
 प्रवक्ता . कॉम पर प्रकाशित

No comments:

Post a Comment