- मिलन सिन्हा
कुदरत ने बिना किसी भेदभाव के हम सबको हर दिन चौबीस घंटे का समय दिया है; न किसी को एक मिनट कम, न किसी को एक मिनट ज्यादा। समय बलवान है, समय अनमोल है, टाइम इज मनी - हर कोई यह कहते पाया जाता है, तथापि जिससे पूछिए वही आज कहता है कि उसके पास समय नहीं है। सम्भवतः यही कारण है कि बड़े -छोटे सभी प्रबंधन संस्थाओं में 'टाइम मैनेजमेंट' नामक विषय उनके पाठ्यक्रम का अभिन्न हिस्सा होता है, क्योंकि विशेषज्ञ यह जानते-समझते-बताते हैं कि समय के समुचित प्रबंधन के बिना जीवन में शायद ही किसी चीज का प्रबंधन हम सही रूप में कर सकते हैं। दिलचस्प तथ्य तो यह है कि विज्ञान ने हमारे जीवन में अनेकानेक बदलाव किए - रोज नित नये वैज्ञानिक उपकरणों व तकनीकी उत्पादों को उपलब्ध करवाकर हमें न केवल समय बचाने के उपाय बताये, बल्कि हमें विकास की गति के साथ कदमताल मिलाकर चलने की सुविधा प्रदान की। फिर क्यों हमारे पास समय की कमी है ?
विचारणीय सवाल यह है कि 24 घंटे या 1440 मिनट के एक दिन में हम कितना कुछ कर सकते हैं। तो फिर क्यों न इसका एक डायरी नोट बनाएं; पैरेटो के 20/80 के सिद्धांत को फॉलो करें ? सोचिये जरा गंभीरता से कि हम राजनीति या धर्म पर बहस करते हुए अपना कितना समय बिना किसी ठोस व सार्थक नतीजे पर पहुंचे यूँ ही गंवाते रहते हैं; मोबाइल, फेस बुक, इंटरनेट आदि पर हम रोज कितना वक्त गैरजरूरतन व्यतीत कर देते हैं! देखिए, आप भी तो जानते हैं कि खोया हुआ ज्ञान, धन या स्वास्थ्य क्रमशः तीव्र अध्ययन, कठोर श्रम या समुचित चिकित्सा से दोबारा प्राप्त किया जा सकता है, परन्तु खोया हुआ समय किसी भी तरह दोबारा हासिल करना संभव नहीं है। सो, आज का संदेश : समय में करें निवेश !
विचारणीय सवाल यह है कि 24 घंटे या 1440 मिनट के एक दिन में हम कितना कुछ कर सकते हैं। तो फिर क्यों न इसका एक डायरी नोट बनाएं; पैरेटो के 20/80 के सिद्धांत को फॉलो करें ? सोचिये जरा गंभीरता से कि हम राजनीति या धर्म पर बहस करते हुए अपना कितना समय बिना किसी ठोस व सार्थक नतीजे पर पहुंचे यूँ ही गंवाते रहते हैं; मोबाइल, फेस बुक, इंटरनेट आदि पर हम रोज कितना वक्त गैरजरूरतन व्यतीत कर देते हैं! देखिए, आप भी तो जानते हैं कि खोया हुआ ज्ञान, धन या स्वास्थ्य क्रमशः तीव्र अध्ययन, कठोर श्रम या समुचित चिकित्सा से दोबारा प्राप्त किया जा सकता है, परन्तु खोया हुआ समय किसी भी तरह दोबारा हासिल करना संभव नहीं है। सो, आज का संदेश : समय में करें निवेश !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# 'प्रभात खबर' के मेरे संडे कॉलम, 'गुड लाइफ' में प्रकाशित
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