-मिलन सिन्हा
सोचनीय विषयों पर
सोचते नहीं
वादा जो करते हैं
वह करते नहीं
अच्छे लोगों को
साथ रखते नहीं
गलत करने वालों को
रोकते नहीं
बड़ी आबादी को
खाना, कपड़ा तक नहीं
गांववालों को
शौचालय भी नहीं
बच्चों को जरूरी
शिक्षा व पोषण तक नहीं
गरीब, शोषित के प्रति
वाकई कोई संवेदना नहीं
अपने गुरूर में ही जीते हैं
अपने जमीर की भी सुनते नहीं
वक्त दस्तक देता है
फिर भी चेतते नहीं
सच कहते हैं गुणीजन
ऐसे नेताओं को
आम जनता भूलती नहीं
ऐसे शासकों को
तारीखें माफ़ करती नहीं !
# प्रवक्ता . कॉम पर प्रकाशित, दिनांक :20.07.2013
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
सोचनीय विषयों पर
सोचते नहीं
वादा जो करते हैं
वह करते नहीं
अच्छे लोगों को
साथ रखते नहीं
गलत करने वालों को
रोकते नहीं
बड़ी आबादी को
खाना, कपड़ा तक नहीं
गांववालों को
शौचालय भी नहीं
बच्चों को जरूरी
शिक्षा व पोषण तक नहीं
गरीब, शोषित के प्रति
वाकई कोई संवेदना नहीं
अपने गुरूर में ही जीते हैं
अपने जमीर की भी सुनते नहीं
वक्त दस्तक देता है
फिर भी चेतते नहीं
सच कहते हैं गुणीजन
ऐसे नेताओं को
आम जनता भूलती नहीं
ऐसे शासकों को
तारीखें माफ़ करती नहीं !
# प्रवक्ता . कॉम पर प्रकाशित, दिनांक :20.07.2013
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
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