Tuesday, April 21, 2020

चेंज मैनेजमेंट के लाभ

                               - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...
हम सभी परिवर्तनशील दुनिया में रहते हैं. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक और शाम से सुबह तक जैसे पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमते हुए अपना स्थान परिवर्तित करती है, उसी तरह हम जीवन में परिवर्तन से रूबरू होते रहते हैं -प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में और छोटे या बड़े रूप में. यकीनन,  विद्यार्थियों के जीवन में परिवर्तन का सिलसिला थोड़ी तीव्र गति से होता है. 

सच तो यह है कि समय बदलता रहता है और बदलता रहता है छात्र-छात्राओं के जीवन में बहुत सारी छोटी-बड़ी बातें. जीवन के इस कालखंड में  हार्मोनल चेंज से लेकर कक्षा, पाठ्यक्रम, दोस्त, शिक्षक, स्थान, मान्यता, संवेदना आदि तक में बदलाव  के दौर से गुजरते हैं सभी विद्यार्थी. इतने  परिवर्तनों के बीच सच्चाई और अच्छाई को अपने व्यक्तित्व विकास में शामिल करते हुए अपनी मूल मानवीय पहचान को बनाए रखना तथा सतत उन्नत करते रहना बड़ी चुनौती होती है. ऐसा इसलिए कि आम तौर पर  परिवर्तन के दौर में विद्यार्थियों को अनिश्चितता और शंका-आशंका का सामना तो करना ही पड़ता है.  लेकिन इन परिवर्तनों के साथ कमोबेश सभी छात्र-छात्राओं में होता  है अनजाने-अनदेखे के प्रति जिज्ञासा तथा उत्साह भी. जो भी हो, दिलचस्प बात यह है कि परिवर्तन उन्हें जड़ता एवं 'कम्फर्ट जोन' से बाहर निकलने का अवसर देता है और कई बार मजबूर भी करता है. यह वाकई बहुत अच्छी बात है. परिवर्तन को सकारात्मकता के साथ अंगीकार कर एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ने का यही तो कारण भी बनता है. 

महात्मा गाँधी का यह विचार कि पहले खुद में वो बदलाव लाएं जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं, विद्यार्थियों के लिए बहुत ही विचारणीय विषय है. आम तौर पर बहुत सारे विद्यार्थी दूसरों से तो बदलाव की सौ फीसदी अपेक्षा करते हैं, लेकिन खुद को बदलने के मामले में जड़ता के सिद्धांत का पालन करते प्रतीत होते हैं. ऐसा भी देखा जाता है कि कई विद्यार्थी पहनावे, स्टाइल या आवरण में तो त्वरित बदलाव के पक्ष में रहते हैं, लेकिन अपने खराब आचरण या नकारात्मक नजरिये को बदलने से कतराते हैं. कुछ विद्यार्थी तो विरोध तक करते हैं. यह नासमझी है और इससे उनका बहुत नुकसान होता है. समझदार और अच्छे विद्यार्थी परिवर्तन से घबराते नहीं, बल्कि एक अच्छे दोस्त की तरह उसका स्वागत करते हैं. परिवर्तन को बोझ समझने के बजाय अपने डेवलपमेंट के लिए एक नया अवसर मानते हैं. 

शाश्वत सत्य यह है कि परिवर्तन एक स्थायी प्रक्रिया है.  लिहाजा, सर्वप्रथम परिवर्तन के प्रति अपने नजरिये को परिवर्तित करना जरुरी होता है. चार्ली चैप्लिन तो कहते हैं, "इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है – यहाँ तक कि जीवन में आनेवाले संकट भी नहीं." अपने आसपास और इतिहास पर नजर डालें तो चार्ली चैप्लिन का यह कथन बिलकुल सही लगता है. आप अपने  पिछले एक हफ्ते के घटनाक्रम पर ही गौर करें तो आपको लगेगा कि आप सुबह से शाम तक छोटे-बड़े बदलावों के बीच से गुजरते रहे हैं. देखा जाए तो हर विद्यार्थी का, घर हो या स्कूल या कॉलेज, हर जगह,  हर रोज कितने प्रकार के बदलावों से सामना होता  है. उनसे उन्हें  निबटना पड़ता है. बेशक कई बार ये बदलाव जाने-पहचाने होते हैं, लिहाजा उन्हें परेशान नहीं करते. वे इनसे आसानी से पार पा लेते हैं. हां, यह सच है कि बड़े परिवर्तन उनके लिए कुछ कठिनाई पैदा करते हैं. लेकिन यह भी उतना ही सही है कि अगर कठिनाई है तो उसका कोई-न-कोई  निदान भी है और सही-गलत की समझ से अर्जित आत्मविश्वास भी उनके साथ है. तो फिर डर काहे का. एक और अहम बात. कठिनाई के उस पार संघर्ष से अर्जित उपलब्धि का अदभुत आनन्द भी तो होता है. सो, प्रत्येक विद्यार्थी को करना यह चाहिए कि हर बड़े  बदलाव से जुड़े तथ्यों की जानकारी पाने की कोशिश करें, इसके सकारात्मक पक्ष को देखें और  बदलाव को भावनात्मक स्तर पर लेने के बजाय पेशेवर तरीके से लें. जहां जरुरत महसूस हो अपने अभिभावक, शिक्षक और अच्छे दोस्त से सलाह और मदद लें. बहरहाल, ऐसा पाया गया है कि ऐसे मौकों पर जो विद्यार्थी  व्यक्तिगत हठ छोड़कर मानसिक रूप से लचीला बने रहते हैं, उनके लिये परिवर्तन को एन्जॉय करना आसान  हो जाता है. अंत में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मशहूर साहित्यकार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ के इस कथन पर जरुर विचार करें और जिंदगी को समग्रता में जीने का भरपूर प्रयास करते रहें. शॉ कहते हैं, "बिना बदलाव के विकास संभव नहीं है. बदलाव लाने का मूल मंत्र यही  है कि सबसे पहले अपने विचारों को बदलें"
 (hellomilansinha@gmail.com)
       
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 

# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 02.02.2020 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com     

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