- मिलन सिन्हा
आज अखबार का हेड लाइन
देखकर मन दुखी हो गया. मध्य
प्रदेश के मंदसौर जिले में प्रदर्शनकारी भीड़ पर फायरिंग से पांच किसान भाइयों के
मरने की खबर थी. कहा जा रहा है कि उसके प्रतिक्रिया स्वरुप
प्रदेश के कई अन्य भागों में भी हिंसक वारदातें हुई, लूटपाट,
आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई.
जब भी कहीं किसी का
असामयिक निधन होता है, तो
अनायास ही उनके परिजनों का रोता-बिलखता चेहरा सामने आ जाता
है. कुछ देर पहले जो व्यक्ति जीवित था, सक्रिय था, जिसके ऊपर कई पारिवारिक-सामाजिक जिम्मेदारी थी, जिसके कई सपने थे, कई लक्ष्य थे, एकाएक गुजर गया. यह सोचना भी मुश्किल होता है. लेकिन ऐसा हुआ और ऐसा
कारण-अकारण होता रहता है – कभी इस
प्रदेश में तो कभी उस प्रदेश में.
ऐसे हमारे देश में
सिर्फ ह्रदय रोग से हर दिन आठ हजार से ज्यादा लोग मरते हैं, न जाने कितने और लोग भूख से और अन्य अनेक
रोगों से रोज दुनिया से उठ जाते हैं. लेकिन ऐसे सभी व्यक्ति के मरने पर ट्रक, बस, कार में भीड़ द्वारा आग नहीं लगाईं जाती, तोड़फोड़ नहीं किये जाते, उपद्रव नहीं मचाये जाते,
सड़क जाम नहीं किये जाते. होना भी नहीं चाहिए,
क्यों कि समस्या है तो मिल-बैठकर समाधान
ढूंढना बेहतर तरीका है. नहीं तो पूरा देश ही हर समय उपद्रवग्रस्त रहेगा, कितने और लोग परेशान होंगे, शायद कुछ और निर्दोष लोग
ऐसे उपद्रव में मारे भी जायेंगे. संपत्ति की अनावश्यक हानि होगी,
सो अलग.
लोकतंत्र में विरोध
प्रदर्शित करने के सैंकड़ों प्रभावी तरीके हैं जो हिंसक नहीं हैं और देश को हानि
पहुंचाने वाले भी नहीं. अहिंसा
के पुजारी और सत्याग्रह के प्रबलतम पक्षधर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के देश में
यह कौन नहीं जानता.
तो क्या अब समय नहीं
आ गया है कि देश भर में प्रशासन निष्पक्ष तरीके से ऐसे पेशेवर उपद्रवियों, उनको शह देने वाले नेताओं और ऐसे मौके पर
अफवाह फैलाने वाले तत्वों की स्पष्ट पहचान करे और उन्हें कानून के मुताबिक़
यथाशीघ्र कठोर सजा दिलवाने की ठोस पहल करे.
कहने की जरुरत नहीं
कि सभी दलों के अच्छे नेताओं को ऐसी किसी भी स्थिति से तीव्रता से निबटने के लिए
प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम करना ही होगा. हां, आंदोलित भीड़ से निबटने के लिए पुलिस को और
ज्यादा समर्थ, धैर्यवान एवं संवेदनशील बनाने की जरुरत तो है
ही. उन्हें इस दिशा में निरंतर मोटिवेट करते रहने की भी
जरुरत है.
( hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# प्रवक्ता . कॉम पर प्रकाशित
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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