- मिलन सिन्हा
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
किताबों और अजीजों के साथ
अच्छे - अच्छे शेर सुनना
किसे सुकून नहीं देता
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
ठंडी -ठंडी हवा में
रसभरे आम चूसना
किसे अच्छा नहीं लगता
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
शाम को झूला झूलते हुए
सूरज को नदी में डूबते हुए देखना
किसे कवि नहीं बनाता !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
किताबों और अजीजों के साथ
अच्छे - अच्छे शेर सुनना
किसे सुकून नहीं देता
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
ठंडी -ठंडी हवा में
रसभरे आम चूसना
किसे अच्छा नहीं लगता
बाग़ में आम के पेड़ के नीचे
शाम को झूला झूलते हुए
सूरज को नदी में डूबते हुए देखना
किसे कवि नहीं बनाता !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
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