- मिलन सिन्हा
मैं
एक
सत्य हूँ
तुम
मुझे
काट-छांट कर
कितना भी
छोटा
क्यों न
कर दो,
फिर भी
मैं
एक तत्व के
परमाणु की तरह
बराबर
वही गुण
प्रदर्शित करता रहूँगा !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
# 'जीवन साहित्य' में प्रकाशित
मैं
एक
सत्य हूँ
तुम
मुझे
काट-छांट कर
कितना भी
छोटा
क्यों न
कर दो,
फिर भी
मैं
एक तत्व के
परमाणु की तरह
बराबर
वही गुण
प्रदर्शित करता रहूँगा !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
# 'जीवन साहित्य' में प्रकाशित
No comments:
Post a Comment