Wednesday, October 2, 2013

आज की कविता : सत्य

                                 - मिलन सिन्हा 
मैं 
एक 
सत्य हूँ 
तुम 
मुझे 
काट-छांट कर 
कितना भी 
छोटा 
क्यों न 
कर दो,
फिर भी 
मैं 
एक तत्व के 
परमाणु की तरह 
बराबर 
वही गुण 
प्रदर्शित करता रहूँगा !

              और भी बातें करेंगे, चलते-चलते असीम शुभकामनाएं
# 'जीवन साहित्य' में प्रकाशित 

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