Friday, November 21, 2025

वेलनेस पॉइंट: फेफड़े को हेल्दी रखने हेतु खानपान में शामिल करें ये चीजें

                                               - मिलन  सिन्हा,  स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड वेलनेस कंसलटेंट

जाड़े के मौसम में हर साल देश की राजधानी दिल्ली सहित देश के अनेक प्रदेशों में धुन्ध, कुहासा और कोहरा का प्रकोप जारी रहता है. इन इलाकों में प्रदूषण, खासकर वायु प्रदूषण के कारण स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाती है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है. श्वसन तंत्र में समस्या और खासकर फेफड़े में तकलीफ के कारण लोग ज्यादा परेशान रहते हैं. कोरोना महामारी के लम्बे दौर से गुजरने और खासकर उससे ग्रस्त और त्रस्त रहने के बाद तो अनेक लोगों के लिए लंग्स को हेल्दी रखना और भी ज्यादा जरुरी हो गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए खानपान में कुछ जानी-पहचानी चीजों को शामिल करना बहुत लाभदायक होता है. आइए जानते हैं.


टमाटर:  इसमें लाइकोपीन होता है जो लंग्स को हेल्दी रखने में मदद करता है. कई रिसर्च यह बताते हैं कि फेफड़ों के संक्रमण और अस्थमा की समस्या से ग्रसित लोगों को टमाटर के सेवन से काफी लाभ मिलता है. इसमें फॉस्फोरस, कैल्शियम और विटामिन-सी अच्छी मात्रा में मौजूद रहता है. इसके सेवन से वात व कफ संबंधी विकारों को दूर करने में मदद मिलती है. 

 

गाजरनाश्ते और दोपहर के भोजन के दौरान गाजर या गाजर के रस का सेवन करें, जिससे कि फेफड़ों की सफाई हो सके. दरअसल, गाजर बीटा कैरोटीन का एक अच्छा स्रोत है, जो एक  शक्तिशाली एंटी-ऑक्सिडेंट के रूप में काम करता है. 

 

अदरक: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो श्वसन तंत्र से विषाक्त चीजों को बाहर निकलने में सहायता करता है. इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम, बीटा कैरोटीन और जिंक सहित कई विटामिन और खनिज मौजूद हैं. फेफड़ों के कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में यह कारगर हैं. अतः व्यंजन आदि  में अदरक को शामिल करें  और सुबह-शाम अदरक की चाय को एन्जॉय करें. 

 

लहसुन: इसमें एलिसिन नामक एक पदार्थ होता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-बायोटिक एजेंट के रूप में काम करता है और हमारे फेफड़ों को संक्रमण से निपटने में मदद करता है. यह सूजन को कम करने, अस्थमा में सुधार करने और फेफड़ों के कैंसर के रिस्क को कम करने में मदद करता है. इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है.


तुलसी का काढ़ा और ग्रीन टी:  तुलसी, अदरक, गोल मिर्च, दालचीनी और लोंग से बने हुए काढ़ा का सेवन करें. इससे लंग्स काफी मजबूत होते हैं. उसी तरह सुबह –शाम ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं. इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो लंग्स के लिए काफी अच्छे माने गए हैं.


हल्दी
एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-बायोटिक और  एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण इसके सेवन से हर तरह के संक्रमण से बचाव होता है. यह हमारे फेफड़ों को साफ करने में मदद करता है. सब्जी और दाल बनाने में इसका थोड़ा ज्यादा उपयोग करने और रात में सोने से पहले दूध में थोड़ा हल्दी डालकर सेवन करने से लाभ होता है.


सेब एवं अनार: यह दोनों ही फल फेफड़ों की सफाई में मदद करता है. इनके सेवन से विटामिन बी, सी, के और ई के साथ-साथ आयरन, पोटेशियम, जिंक और ओमेगा-6 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व मिल जाते हैं. लंग्स कैंसर जैसी गंभीर रोग से बचाव में भी ये कारगर भूमिका अदा करते हैं.


शहद यह एक प्रभावी प्राकृतिक औषधि है. इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं. इसका सेवन करने से हमारे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं. सुबह शौच आदि से निवृत होकर एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर पीना बहुत लाभकारी होता है.


ब्रोकली और अन्य हरी सब्जियांसर्दी के मौसम में उपलब्ध ब्रोकली सहित अन्य हरी सब्जियों में कई ऐसे विटामिन और मिनरल्स मौजूद होते हैं जो सांस से जुड़ी परेशानियों से राहत दिलाने में असरदार  साबित होते हैं. इतना ही नहीं, इनके सेवन से  फेफड़ों की सफाई और उसे हेल्दी बनाए रखना आसान होता है.


काली मिर्चयह विटामिन-सी का एक अच्छा स्रोत है. विटामिन-सी को एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है. वात व कफ संबंधी विकारों और श्वास रोगों में इसका सेवन  लाभकारी साबित होता है. इन्हीं गुणों के कारण यह न केवल फेफड़ों को लंबे समय तक स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि फेफड़ों के रोग से पीड़ित रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. 

(hellomilansinha@gmail.com)  

            
             और भी बातें करेंगे, चलते-चलते. असीम शुभकामनाएं.           

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