Tuesday, February 23, 2021

खुश रहने के पांच आसान सूत्र

                                    - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...

सब विद्यार्थी खुश रहना चाहते हैं, लेकिन एक ही सिचुएशन में हम दो विद्यार्थियों को कदाचित भिन्न तरीके से रियेक्ट करते और नतीजतन खुशी प्राप्त करते हुए या दुखी होते हुए देखते हैं. आखिर ऐसा क्यों होता है?
प्रसिद्ध प्रबंधन विशेषज्ञ डेल कार्नेगी कहते हैं कि "खुश होना या दुखी होना  इस पर  निर्भर  नहीं  करता है  कि  आप  कौन  हैं  या  आपके  पास  क्या  है. यह  पूरी  तरह  से  इस  बात  पर  निर्भर  करती  है  कि  आप  क्या  सोचते  हैं." हां, जहां खुश रहने के एकाधिक कारण हो सकते हैं, वहां दुखी या नाखुश रहने के भी. लेकिन अगर हर विद्यार्थी अपने दिनभर के कार्यकलाप की गहन समीक्षा करें और यह जानने का यत्न करें कि किस-किस कार्य में उन्हें अनायास ही खुशी मिली, तो उनके लिए यह तय कर पाना आसान होगा कि वे खुश रहने के लिए क्या-क्या कर सकते हैं. बहरहाल, मोटे तौर पर अगर छात्र-छात्राएं  किसी दूसरे से तुलना किए बगैर कम-से-कम निम्नलिखित पांच बातों पर अमल करते रहें तो खुश रहना आसान हो जायगा.

 
1) खुद को अच्छी तरह  जानने का प्रयास करें.
इसके लिए विद्यार्थियों को निष्पक्ष भाव से खुद का आकलन-विश्लेषण करना पड़ेगा. यह काम स्वयं करें. अच्छी तरह से यह जान लें कि अध्ययन के इस संक्रांति काल में आपको क्या-क्या करना चाहिए और आप क्या-क्या  करना चाहते हैं. अब यह देख लें कि ये कार्य अच्छे और कानून सम्मत हैं या नहीं. बुरे काम का बुरा नतीजा होता है, यह कटु सत्य है. खुद को इस मामले में दुरुस्त करने के बाद अब यह संकल्प लें कि जो तय किया है उस पर पूरी तरह अमल करेंगे और अनुकूल-प्रतिकूल दोनों स्थिति में खुद से प्यार करते रहेंगे. किसी से दुर्व्यवहार नहीं करेंगे. जाने-अनजाने कभी कोई भूल हो जाए तो उसे तुरत मानने और सुधारने का यथासाध्य प्रयास करेंगे, लेकिन खुद को कोसेंगे नहीं और जीवन से भागेंगे नहीं. 


2) खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखते
हुए आज में जीने का पूरा प्रयास करें. बीता हुआ समय लौट कर नहीं आता और आनेवाले समय को बेहतर तरीके से जीने का एकमात्र तरीका है वर्तमान में जीने की आदत डालना. ऐसे भी आनेवाला पल बस इस पल के बादवाला पल ही तो होता है. अगर इस पल को ठीक से जीने की आदत नहीं होगी तो फिर अगले पल का हश्र भी वैसा ही होगा. है न. भगवान बुद्ध कहते हैं कि हर सुबह हम पुनः जन्म लेते हैं. हम आज क्या करते हैं यही सबसे अधिक मायने रखता है." सो, प्रेजेंट को अच्छे से जीएं और एन्जॉय करें.


3) लोग क्या कहेंगे इसकी चिंता करने के बजाय
इस बात पर फोकस करें कि आप और क्या-क्या अच्छा कर सकते हैं. शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए इसकी एक सूची बना लें. इससे कुछ छूटने या भूलने की गुंजाइश कम हो जाएगी और लक्ष्यानुसार कार्य होते रहेंगे. इससे आपको खुशी का नियमित डोज भी मिलता रहेगा जो आपके मोटिवेशन के लिए जरुरी है. हां, चाणक्य द्वारा कही गई इस बात को सदा याद रखें कि "जब आप किसी काम की शुरुआत करें, तो असफलता से मत डरें और उस काम को ना छोड़ें. जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वो सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं और सफल भी."  


4) रोज दिन की शुरुआत और अंत अच्छे से करें.
सभी विद्यार्थियों ने यह महसूस किया होगा कि जिस दिन सुबह की शुरुआत अच्छी होती है, दिन मोटे तौर पर अच्छा गुजरता है. शुरुआत अच्छी न हो तो मन अप्रसन्न रहता है और कोई भी कार्य अच्छी तरह सम्पन्न नहीं हो पाता है. कहने का मतलब साफ़ है कि हम खुश रहते है तो काम  अच्छा होता है या काम अच्छा होता है तो हम खुश रहते हैं. यानी दोनों एक दूसरे से जुड़े हैं. उसी तरह दिन का अंत सही नहीं हो तो रात करवटें बदलते हुए अनिद्रा में कटती है. सेहत और अध्ययन दोनों पर इसका बुरा असर पड़ता है.   

 
5) आर्ट ऑफ़ गिविंग यानी देने की कला
में पारंगत हों, खासकर उनको जिन्हें आपके मदद, मार्गदर्शन आदि की आवश्यकता है. यहां "थिंक एंड थैंक सिद्धांत" पर अमल करना बेहतर होगा. कहने का तात्पर्य यह कि चिंतन करें कि कैसे आप किसी की मदद कर सकते हैं और कैसे आप हर मदद करनेवाले को धन्यवाद दे सकते हैं. जहां चाह, वहां राह. आप सोचेंगे तो एकाधिक रास्ते खुलेंगे और आप लोगों की मदद करके असीमित और अकल्पनीय खुशी के हकदार बनेंगे.  


संक्षेप में कहें तो जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव और चुनौतियों के बावजूद खुश होने और रहने के सैंकड़ों कारण और तरीके हैं और रहेंगे. फिलहाल इन पांच सूत्रों पर अमल कीजिए, खुशी की कमी नहीं रहेगी. 

  (hellomilansinha@gmail.com)   

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 20.12.2020 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com 

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