Sunday, January 17, 2021

सोशल मीडिया और आपकी जिम्मेदारी

                                 - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...

हाल ही में आईपीएल -2020 के एक मैच में प्रसिद्ध क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी के अच्छा प्रदर्शन न करने पर एक नाबालिग विद्यार्थी ने सोशल मीडिया पर अवांछित कमेंट्स किए, जिसे बाद में  उसने डिलीट भी कर दिया. लेकिन तबतक वह पोस्ट लाखों लोगों के पास पहुँच गया और उसपर व्यापक प्रतिक्रिया आने लगी. पुलिस ने भी इसका संज्ञान लिया और फिर उस विद्यार्थी को गिरफ्तार कर लिया गया.  देखिए, आवेग और आवेश में आकर सोशल मीडिया पर की गई एक अवांछित टिप्पणी के कारण उसे और उसके परिवार को अब कई प्रकार की परेशानी से गुजरना पड़ रहा है. हां, जाने-अनजाने इस तरह की गलतियां रोज सोशल मीडिया पर की जाती हैं और देर-सबेर उसका संज्ञान भी पुलिस लेती है और उनके खिलाफ कार्रवाई भी होती है. 


पिछले एक दशक में सोशल मीडिया - फेस बुक, व्हाट्सएप्प, इनस्टाग्राम आदि के प्रचलन और लोकप्रियता में अपेक्षा से बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है. स्मार्ट मोबाइल फोन और इंटरनेट की पहले से सस्ती उपलब्धता ने इसे गति प्रदान की है. सोशल मीडिया का हमारे दैनंदिन जिंदगी में असर बढ़ता जा रहा है. चुनाव तक में इसकी अहमियत को देश-विदेश में लोग महसूस कर रहे हैं. भविष्य में इसके विस्तार की बड़ी संभावना है. इसके एकाधिक कारण हैं जिससे सभी परिचित हैं.
हां, जैसे हर चीज के फायदे और नुकसान होते हैं, उसी तरह सोशल मीडिया का भी है. इसके कुछ बड़े फायदों में ये बातें शामिल हैं. सोशल मीडिया की मदद से आप घर बैठे दुनियाभर के लोगों - रिश्तेदार, दोस्त, परिचित-अपरिचित सबसे जुड़  सकते हैं. नए आइडिया, विविध जरुरी जानकारी एवं स्किल्स से परिचित होने और उसके माध्यम से अपने ज्ञान और क्षमता को उन्नत करने में यह सहायक सिद्ध होता है. अपने आइडिया और सोच को अन्य लोगों तक आसानी से पहुंचाने के क्रम में विद्यार्थियों की संवाद क्षमता और समावेशी-लोकतांत्रिक विचार समृद्ध  होता  है. रोजगार पाने और अपने अच्छे काम को प्रचारित-प्रसारित करने का भी यह एक बड़ा माध्यम है. 


अब विद्यर्थियों पर सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव एवं दुष्परिणाम की कुछ बातें. सब जानते हैं कि उत्सुकता, कल्पनाशीलता, रचनात्मकता और  चंचलता विद्यार्थी जीवन का अहम हिस्सा हैं. नयी  चीजें जानने-सीखने के प्रति उनकी एक स्वाभाविक जिज्ञासा होती है, लेकिन  इस उम्र में उनके लिए  अच्‍छे और बुरे में फर्क करना उतना आसान नहीं होता है. अतः  सोशल मीडिया आसानी से उनके विचार और व्‍यवहार को बदलने में बड़ी भूमिका निभाता है, क्यों कि यह प्लेटफार्म सही-गलत, और अच्छी-बुरी  जानकारी और मनोरंजन का व्यापक और सुलभ भंडार है.
इस परिस्थिति में छात्र-छात्राओं का अवांछित और हानिकारक साइट्स से जुड़ना और वहां ज्यादा समय बिताना उनके सोच को बुरी तरह प्रभावित करने का काम करता है. धीरे-धीरे अनायास ही विद्यार्थियों को इसकी लत लग जाती है, जिसका नेगेटिव असर उनके स्टडी और भावी जिंदगी पर भी पड़ता है.  कई मनोवैज्ञानिक अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि दिनभर में कई-कई घंटे  सोशल मीडिया पर ब्राउजिंग करने, चैटिंग  करने, पोस्‍ट लाइक, कमेंट या शेयर करने जैसे एक्टिविटी में लगे रहने से उनका बहुमूल्य समय तो खर्च होता ही है, साथ में  विद्यार्थियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी काफी दुष्प्रभावित होता है. अफवाह और भ्रम फैलाकर समाज में विद्वेष और अशांति का माहौल बनाने में सोशल मीडिया के दुरूपयोग की बात भी सबको मालूम है. 

 
कोई भी टेक्नोलॉजी या सुविधा लोगों को बेहतर  जीवन जीने का अवसर प्रदान करता है, किसी दूसरे व्यक्ति को अपशब्द कहने या अवांछित और गैरकानूनी काम में संलिप्त होने का लाइसेंस नहीं देता. कहने का अर्थ यह  कि कोई भी तकनीक जब तक सकारात्मक रूप से उपयोग की जाती है, तभी तक उससे सही लाभ मिलता है. लेकिन अगर उसका इस्तेमाल गलत तरीके से किया जाए तो उससे बहुत नुकसान उठाना पड़ता है.
अतः विद्यार्थियों के लिए ये बातें सदा याद रखना हितकर और लाभदायक होगा: सोशल मीडिया पर किसी भी समाचार और जानकारी का सत्यापन किए बगैर सिर्फ आवेश और आवेग में प्रतिक्रिया  व्यक्त न करें; कमेंट और शेयर करने से पहले सब कुछ जांच-परख और सोच-समझ लें; पर्सनल और धार्मिक मामलों पर कमेंट करने से बचें या फिर लक्ष्मण रेखा का ध्यान जरुर रखें; कभी भूल से भी भूल हो जाए तो तुरत माफी मांगे व  पोस्ट डिलीट करें और छात्र जीवन में सोशल मीडिया को ज्ञानवर्धन का एक जरिया मात्र समझें.  

 (hellomilansinha@gmail.com)    

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 15.11.20 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com 

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