Monday, November 16, 2020

नींद की अहमियत को भी समझें

                            - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर, स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट ... ...

सभी विद्यार्थी इस बात पर एकमत होंगे कि अध्ययन आदि के कारण उनकी दिनभर की जो व्यस्तता होती है उसके बाद रात की अच्छी नींद न केवल उनकी जिन्दगी में सुख का बेहतरीन समय होता है, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से यह उनकी आवश्यकता भी है.
कोरोना महामारी  के मौजूदा समय में जब दुश्चिंता, भय, दहशत, अनिश्चितता आदि से विद्यार्थीगण भी बहुत दुष्प्रभावित है, नींद की अहमियत और भी बढ़ जाती है. लेकिन क्या सभी छात्र-छात्राएं  रात में 7-8 घंटे अच्छी तरह सो पाते हैं? कई हेल्थ और मेडिकल सर्वे बताते हैं कि बड़ी संख्या में विद्यार्थी रात में अच्छी नींद का आनंद नहीं ले पाते हैं और इसके बहुआयामी दुष्परिणाम के हकदार बनते हैं. इसके अनेक जाने-पहचाने कारण हैं. काबिले गौर है कि यहां नींद का मतलब अच्छी नींद से है, बिछावन पर मात्र लेटे रहने से नहीं है. हां, यह भी सच है कि कम सोना और बहुत ज्यादा सोना दोनों सेहत के लिए ठीक नहीं होता है. यहां भी संतुलन जरुरी है. 


स्मार्ट फोन, लैपटॉप, इंटरनेट, डिजिटल लर्निंग, ऑनलाइन क्लासेज, सोशल मीडिया आदि के मौजूदा दौर में बहुत सारे विद्यार्थी "अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज यानी जल्दी सोओ और जल्दी उठो" के सिद्धांत पर अमल नहीं करते हैं
. कहने का मतलब यह कि ऐसे विद्यार्थी रात के दस बजे तक नहीं सोते हैं और न ही सुबह छह बजे से पहले जग पाते हैं. दरअसल, वे रात में देर से सोते हैं और सुबह देर से उठते हैं. नतीजतन उनके बॉडी क्लॉक का प्राकृतिक क्लॉक से सामंजस्य बिगड़ जाता है. इसका गंभीर दुष्प्रभाव उनके मेटाबोलिज्म, मेमोरी और इम्युनिटी पर पड़ता है. लिहाजा  पौष्टिक आहार लेने और एक्सरसाइज वगैरह करने के बाद भी वे कई रोगों के चपेट में आ जाते है. प्राकृतिक विज्ञान के साथ-साथ आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी इस बात को जरुरी मानता है कि रात में अपर्याप्त या अनियमित नींद छात्र-छात्राओं के अध्ययन आदि पर बुरा असर डालती है. उन्हें थकान और आलस्य का बोध होता है. चाह कर भी वे अपने कार्य पर फोकस नहीं कर पाते हैं.  


सवाल है कि रात में अच्छी नींद का इतना महत्व क्यों है?
दरअसल, रात में नींद के दौरान हमारे शरीर में क्लीनिंग, रिपेयरिंग और रिचार्जिंग का काम होता है. इसी समय शरीर में सफ़ेद रक्त कोशिकाओं यानी डब्लू बी सी, जो हमें रोग संक्रमण से बचाने का काम करती हैं, का रीजेनरेशन टाइम होता है. इतना ही नहीं, रात में अच्छी नींद के कारण हमारे शरीर में मेलाटोनिन नामक हॉर्मोन का स्राव बढ़ता है जो हमारे बायोलॉजिकल क्लॉक को दुरुस्त रखता है. यह हार्मोन अपने एंटीऑक्सिडेंट क्वालिटी के लिए भी प्रसिद्ध है. एंटीऑक्सीडेंट हमारे शरीर की कोशिकाओं को मजबूत और स्फूर्तिवान बनाए रखता है. इससे शरीर सक्रिय और स्वस्थ रहता है. दिलचस्प बात है कि अच्छी नींद हमारे स्ट्रेस को कम करता है और हमारे लिए मूड-बूस्टर का काम भी करता है. अच्छी नींद के कारण हमारे सारे ऑर्गन अच्छे ढंग से काम करते हैं. उनका रेगुलेशन और रीसेटिंग अच्छे से हो जाती है. ब्रेन को जरुरी ब्रेक और रेस्ट मिल जाता है. इससे हमारा मानसिक और भावनात्मक संतुलन बेहतर बना रहता है. फील गुड और फील हैप्पी हॉर्मोन स्रावित होते हैं. इससे इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. सुबह हम तरोताजा और हैप्पी फील करते है. इसका  समेकित असर हर मामले में हर विद्यार्थी के लिए बहुत ही पॉजिटिव साबित होता है.


अब सवाल है कि आज के चुनौतीपूर्ण दौर में अच्छी नींद का लाभार्थी बनने और अनिद्रा की समस्या से बचे रहने के लिए कौन से सरल उपाय हैं, जिससे विद्यार्थियों  का इम्यून सिस्टम  स्ट्रांग बना रहे और वे दिनभर उर्जावान और उत्साहित बने रहें?
रात में 10 से 11 बजे के बीच सोने की और सुबह 6 बजे से पहले उठने की कोशिश करें. इसके लिए रात का खाना सोने से कम-से-कम एक घंटा पहले खा लें. अच्छी नींद के लिए रात का खाना हल्का और सुपाच्य होना चाहिए. हो सके तो सोने से पहले दूध में थोड़ा हल्दी या शहद या दालचीनी मिलाकर पी लें. इससे  नींद अच्छी आती है. सोने से घंटे भर पहले मोबाइल-लैपटॉप-टीवी आदि से नाता न रखें. संभव हो तो सोने से पहले  15-20 मिनट ही सही, कोई मोटिवेशनल किताब पढ़ें. मोबाइल को बेड से थोड़ा दूर रखें. टाइट कपड़े पहनकर ना सोएं. कपड़े कॉटन के हों तो बेहतर. बिछावन साफ़-सुथरा और कमरा हवादार हो. सोने के लिए बिछावन में जाने से पूर्व पैर धोकर पोंछ लें. फिर तलवों में सरसों के तेल से हल्का मालिश करें. सोते वक्त लाइट बंद कर दें. यकीनन, नींद अच्छी आएगी.  

 (hellomilansinha@gmail.com)   

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 20.09.2020 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com 

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