Tuesday, November 26, 2019

जरुरी है विषयों की बुनियादी समझ

                                                                       - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर... ....
हाल ही में आईआईटी परीक्षा की तैयारी कर रहे सैकड़ों छात्र-छात्राओं से मिलने, उनसे बातचीत  करने और उनको इस परीक्षा में बेहतर परिणाम पाने के कुछ बुनियादी शर्तों के बारे में बताने का मौका मिला. उन विद्यार्थियों से बातचीत के क्रम में यह जान पाया कि वे लोग खूब मेहनत करते हैं और आगे और भी ज्यादा मेहनत करना चाहते हैं. लेकिन उन्हें कई बार ऐसा लगता है कि उनका एनर्जी लेवल कम है, पढ़ते वक्त उनका मन भटकता है, एक लगातार वे तीन-चार घंटे नहीं पढ़ पाते, पढ़ा हुआ सब याद नहीं रख पाते और न चाहते हुए भी बीच-बीच में तनावग्रस्त महसूस करते हैं. 
               
ज्ञातव्य है कि 11वीं कक्षा पास कर 12वीं में जाने के बाद विद्यार्थी आईआईटी परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. हां, फाइनल सेलेक्शन की कुछ शर्तें तो है ही. मसलन मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक सामान्य श्रेणी  के वैसे विद्यार्थी जिन्हें 12वीं या समकक्ष बोर्ड एग्जाम में कम-से-कम 75 प्रतिशत अंक (आरक्षित श्रेणी के लिए 65%) हासिल होंगे, वही आईआईटी परीक्षा में क्वालीफाई करने के बाद एडमिशन के पात्र होंगे.  इस दृष्टि से प्लस टू या 12वीं या समकक्ष बोर्ड की परीक्षा की तैयारी भी अहम हो जाती है. ऐसे भी आईआईटी परीक्षा में पूछे जानेवाले प्रश्न सामान्यतः 11वीं एवं 12वीं कक्षा के सिलेबस पर आधारित होता है. लिहाजा विद्यार्थियों के लिए इस सिलेबस पर पूर्ण समर्पण के साथ ध्यान देना अनिवार्य है. इसके लिए सभी शिक्षक और एक्सपर्ट विद्यार्थियों को  तीनों विषयों - भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र और गणित के लिए एनसीइआरटी की किताबें पढ़ने की सलाह देते हैं. विषय की बुनियादी समझ के बिना विद्यार्थियों के लिए न तो स्कूली परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल करना संभव होता है और न ही जीईई मेन और जीईई एडवांस में  क्वालीफाई करना और अंततः सेलेक्ट होना. बहरहाल, फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स के सिलेबस को एनसीइआरटी किताब से शुरू से अंत तक बढ़िया से समझकर पढ़ना और दोहराते रहना लाभप्रद साबित होता है.

हमेशा यह याद रखना अच्छा है कि जीईई मेन और जीईई एडवांस परीक्षा में कोई शॉर्टकट नहीं चलता है और सीधे सवाल बहुत ही कम पूछे जाते हैं. अतः जीईई मेन की तैयारी अलग होती है. यहां विषय की बुनियादी समझ के आधार पर एप्लीकेशन ऑफ़ माइंड की भूमिका अहम है. तीनों  विषयों की एक-दो और अच्छी किताबें पढ़ें तो बेहतर होगा.  परीक्षा  सेंटर में दिमाग को  कूल-कूल रखकर प्रश्नों को समझना और फिर निर्धारित समयसीमा के  भीतर सबका सही उत्तर लिखने  की बड़ी चुनौती होती है. सामान्यतः नाम के अनुरूप जीईई एडवांस में स्थिति थोड़ी और कठिन और चुनौतीपूर्ण हो जाती है. लगभग हर सवाल नया होता है और उन्हें हल करने के लिए विषय की स्पष्ट समझ के साथ-साथ अपने दिमाग को अप्लाई करके ही उत्तर लिखा जा सकता है. 

विचारणीय सवाल है कि शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक आदि बदलावों का सामना करते  हुए 11वीं और 12वीं या समकक्ष क्लासेज के दो वर्षों में खुद और परिवार की सारी आशा, अपेक्षा और आकांक्षा के अनुरूप परीक्षा में प्रदर्शन दर्ज करना हर विद्यार्थी के लिए बड़ी चुनौती है. लेकिन जैसा कि प्रख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर कहते हैं, "... ...ख़म ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़, मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है... ..." अतः यह जानकर और मानकर कि जितनी बड़ी चुनौती, उतना मजबूत संकल्प, उतनी बड़ी तैयारी और फिर उतनी ही बड़ी सफलता, तो किसी भी विद्यार्थी के लिए आगे का रास्ता थोड़ा आसान लगने लगता है. इसलिए आईआईटी परीक्षा को अपना लक्ष्य बनाकर तदनुरूप 24 घंटे का एक व्यवहारिक रूटीन बना लें, जिसमें 10% तक का हेरफेर का प्रावधान रखें और फिर उसपर निष्ठापूर्वक अमल करें. विषय की बुनियादी समझ को लगातार  टेस्ट करते रहें. इसके लिए जीईई मेन एवं  जीईई एडवांस के पिछले 10 सालों के सवालों को हल करने की कोशिश करें. शरीर को खानपान, योग-व्यायाम, पर्याप्त नींद और पॉजिटिव सोच से पूर्णतः स्वस्थ और उर्जावान बनाए रखें. नेगेटिव सोच और नेगेटिव सहपाठियों-मित्रों से बचें. इससे आपका समय  बचेगा और अनावश्यक तनाव से भी आप बचे रहेंगे. रोजाना कुछ समय आउटडोर गेम्स या एक्सरसाइज में बिताएं. कहने का मतलब यह कि अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास करें. ऐसा पाया गया है कि दसवीं के बाद  करीब दो साल की कड़ी और नियमित मेहनत से अनेक विद्यार्थियों ने पहले ही प्रयास में जीईई एडवांस तक में अच्छी सफलता पाई है. मेरा मानना है कि 'मन में है विश्वास, हम होंगे कामयाब' की भावना को आप रोज सार्थक रूप से जी पाएं, तो सफलता आपके भी कदम चूमेंगी. 
 (hellomilansinha@gmail.com)

                 
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 

# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 06.10.2019 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com

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