- मिलन सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर एवं वेलनेस कंसलटेंट
आसपास देखने पर अक्सर यह बात ध्यान में आती है कि बचपन से ही असफलता के बाद सफलता का अनुभव प्राप्त करते रहने के बाद भी कई युवा असफलता से बहुत घबरा जाते हैं. यकीनन यह एक रोचक और विचारणीय विषय है. शायद ही ऐसा भी कोई व्यक्ति होगा जिसने जीवन में कभी असफलता का स्वाद न चखा हो. हाँ, अगर वाकई ऐसा कोई है जिसे कभी भी असफलता नहीं मिली, तो अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार उसने कोई प्रयास ही नहीं किया होगा. बास्केटबॉल के सुपर स्टार माइकल जार्डन कहते हैं कि "हर कोई किसी ना किसी चीज में विफल होता है. मैं असफलता को स्वीकार कर सकता हूँ, लेकिन मैं प्रयास ना करना स्वीकार नहीं कर सकता."
दरअसल, यही सबसे अहम बात है. विश्वविख्यात उद्योगपति व मैनेजमेंट एक्सपर्ट हेनरी फोर्ड तो कहते हैं कि "असफलता महज एक अवसर है फिर से शुरुआत करने का, इस बार और ज्यादा बुद्धिमानी से." खुद हेनरी फोर्ड का जीवन शुरूआती असफलताओं की कहानी कहता है. फिर भी वे हर बार खुद को और व्यवस्थित और बुलंद करने का यथासाद्ध्य प्रयास करते रहे और सफलता का एक के बाद दूसरा मुकाम प्राप्त करने में सफल रहे. सिर्फ हेनरी फोर्ड ही क्यों, महज सात साल की उम्र में अपने पिता को खोने वाले और बाद में कठिन संघर्ष के पांच दशक गुजारने वाले केंटुकी फ्राइड चिकन यानी केएफसी के मालिक कर्नल सैंडर्स, गरीबी में बचपन बितानेवाले और तारघर में एक छोटी नौकरी से शुरुआत करनेवाले अमेरिका के जानेमाने व्यवसायी एवं उद्योगपति एंड्रयू कार्नेगी, एक कार मैकेनिक से हौंडा मोटर्स का मालिक बनने वाले जापान के सोइचिरो होंडा और ऐसे अनेक प्रसिद्ध लोग कई बार की असफलता के बाद सफलता का बड़ा-से बड़ा मुकाम हासिल करके अदभुत मिसाल कायम की. प्रेरणादायक तथ्य यह है कि इन सबने असफल होने के बाद भी आत्मविश्वास को कभी कम नहीं होने दिया. निर्भीक होकर पूरे मनोबल से लगातार प्रयत्न करते रहे और एक-के-बाद-एक बड़ी सफलता के हकदार बने.
काबिलेगौर बात यह भी है कि ऐसे लोग असफल होने पर दूसरों को दोष देने की कतई कोशिश नहीं करते, क्यों कि वे जानते हैं कि दोषारोपण के चक्रव्यूह में फंसने का मतलब है कीमती समय, उर्जा और मानसिक शांति को अनावश्यक रूप से बर्बाद करने के रास्ते खोल देना और स्वयं अपने इम्प्रूवमेंट के रास्ते को बंद कर देना. इसके बजाय वे उस काम में हुई चूक का पता लगाने और उसको ध्यान में रखकर आगे बेहतर तरीके से काम करना जरूरी समझते हैं. यहां माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक बिल गेट्स के विचार भी महत्वपूर्ण हैं. उनका कहना है कि "सफलता की खुशी मनाना अच्छा है पर उससे जरुरी है अपनी असफलता से सीख लेना." ज्ञानीजन सही कहते हैं कि असफलता से कभी घबराएं नहीं, निराश होकर रुकें नहीं, क्यों कि जैसा हिंदी फिल्म इम्तिहान के एक गाने के बोल हैं, "रुक जाना नहीं, तू कहीं हार के, काँटों पे चलकर मिलेंगे साए बहार के." तो जरुरत बस इस बात की है कि हम इस जीवन दर्शन को अच्छी तरह आत्मसात कर सत्कर्म में सतत जुटे रहें और जीवन को हर पल एन्जॉय करते रहें. बड़ी-से-बड़ी सफलता भी जरुर मिलेगी.
(hellomilansinha@gmail.com)
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