- मिलन सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर एंड वेलनेस कंसलटेंट
विविधताओं से भरे इतने बड़े देश में एक साथ आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर विविध समस्याओं से डटकर मुकाबला करने के लिए देश के लोगों की आंतरिक शक्ति को पहचानना, उसे जगाना और फिर जनहित व देशहित में उसका सदुपयोग करना कुशल नेतृत्व का प्रमाण है. आपको याद होगा कि प्रधानमन्त्री ने महामारी के आरम्भ से अबतक कई बार आम जनों से संवाद किया है और चुनौतियों से लड़कर विजयी होने हेतु उन्हें बराबर प्रेरित और उत्साहित किया है. देशवासियों ने भी धैर्य, साहस और एकजुटता का समुचित प्रमाण दिया है.
निसंदेह, इस दौरान देश के आम जनों के साथ-साथ करोड़ों युवाओं ने भी अनेक मुश्किलों को झेला है. अध्ययन हो या नौकरी हो या व्यवसाय या स्व-रोजगार, हर क्षेत्र में उन्हें छोटी-बड़ी कठिनाइयों से पेश आना पड़ा है. लेकिन अधिकांश युवाओं ने चुनौतियों का डटकर मुकाबला किया है.
जब कोविड के कारण पूरे देश में लॉक डाउन की मजबूरी हो गई, तब एक वक्त ऐसा लगा, जैसे गतिविधियों के ठप होने से पर देश थम जाएगा, ऑफिस, बाजार, कारोबार आदि बंद हो जाने की आशंका लोगों को डराने लगी थी. महानगरों और बड़े शहरों में तमाम प्रोफेशनल्स और कामगारों को अपने काम-धंधे खोकर विवशता में गांवों-घरों की और कुछ करना पड़ा. यातायात के साधन के बिना सैकड़ों-हजारों किलोमीटर का सफ़र करते देखनेवालों का ह्रदय रो पड़ा. लेकिन रोजगार खोने वाले तमाम लोगों ने अपने गांव-घर पहुंचकर भी खाली नहीं बैठे. जब उन्हें लगा कि लम्बे समय तक शहरों की और वापसी संभव नहीं है, तो अपने हुनर से रोजगार के नए उपाय खोजने शुरू कर दिए. किसी ने अपनी या किराए की जमीन पर नए तरह से, फलों-फूलों-सब्जियों की खेती शुरू कर दी, तो कोई सब्जियों व अन्य खानपान के सामानों को ही घर-घर पहुंचाने लगा. तमाम युवाओं ने अपने गांव के आसपास बेकार पड़ी जमीन को स्सफ कर उसे खेती करने लायक बना दिया, तो कोई उपेक्षित स्कूल की रंगाई-पुताई करके उसकी साज-सज्जा को आकर्षक रूप दे दिया.
तलाशे उच्च शिक्षा के रास्ते: कॉलेज / विश्वविद्यालय बंद होने से जो जहां था, वहीँ फंसा था. ऐसे में पढ़ाई ठप पड़ने की आशंका भी थी. लेकिन सरकार से लेकर शिक्षाविदों तक ने इस समस्या पर गहरा चिंतन-मनन किया और फिर इसका सुफल ऑनलाइन एजुकेशन के रूप में सामने आया. तकनीक ने उनकी राह आसान कर दी. शैक्षणिक संस्थानों ने इसके लिए अपनी विशेषज्ञ फैकल्टी को सक्रीय कर दिया, जिन्होंने सिलेबस के अनुरूप उपयोगी पाठ्यसामग्री और लेक्चर के विडियो बनाकर अपनी वेबसाइट और इन्टरनेट मीडिया के अन्य माध्यमों के जरिए अपने विद्यार्थियों को घर बैठे उपलब्ध कराया. इससे पढ़ाई सुचारू रूप से चलती रही. स्टूडेंट्स ने अपने असाइनमेंट, प्रोजेक्ट भी ऑनलाइन ही पूरे किए और टेस्ट-एग्जाम भी ऑनलाइन दिया. इस विकल्प को सरकार ने भी प्रोत्साहित किया.
(hellomilansinha@gmail.com)
No comments:
Post a Comment