Sunday, March 8, 2020

हेल्थ मैनेजमेंट: कोरोना वायरस - सावधानी ही बचाव

                                           - मिलन सिन्हा, हेल्थ मोटिवेटर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट
चीन के कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से चीन सहित दुनिया के अनेक देश समस्याग्रस्त हैं. हमारे देश में भी इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ रही है. रोकथाम के लिए डब्लूएचओ सहित सभी देश अपने-अपने तरीके से प्रयासरत हैं, जिसमें संक्रमित लोगों की पहचान व त्वरित इलाज के साथ-साथ आम लोगों को जागरूक और सावधान करते रहना शामिल है. दरअसल, कोरोना वायरस से उत्पन्न इस असाधारण स्थिति में सावधानी ही बचाव का अचूक हथियार है. तो आइए इससे बचे रहने के एकाधिक आसान उपायों पर चर्चा करते हैं. 
सबसे पहले तीन अहम बातें
-किसी हालत में घबराएं नहीं, बदहवास न हों, अनावश्यक रूप से तनावग्रस्त भी न हों और न ही कोई दुष्प्रचार करें. घबराहट, पैनिक और तनाव से स्थिति और बिगड़ती है. संक्रमण और रोग से लड़ने की क्षमता घटती है. मेटाबोलिज्म काफी दुष्प्रभावित होता है. 
-सामान्य तौर पर ऋतु यानी मौसम परिवर्तन के समय बहुत सारे लोग सर्दी-जुकाम-बुखार से पीड़ित होते हैं. उन सबको कोरोना पीड़ित न समझ लें. तीन दिन तक ऐसे मामलों में सुधार न दिखने तथा कोरोना पीड़ित होने के कुछ लक्षण दिखने पर ही यथोचित कदम उठायें. तब तक उन्हें घर पर अन्य सदस्यों से थोड़ा अलग रखकर उनका आम उपचार करें. 
-जाने-अनजाने कारणों से दुर्भाग्यवश संक्रमित हो जाने पर तुरत डॉक्टर की सलाह लें और उनके सुझावों पर अमल करें.

संक्रमित होने के प्रारंभिक लक्षण
कोरोना वायरस के संक्रमण के परिणाम स्वरुप व्यक्ति को नाक बहना, गले में खराश, जुकाम, बुखार, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या होती है.  

इम्यून सिस्टम का मजबूत रहना जरुरी 
ऐसे संक्रमण वाले रोगों से बचाव के लिए बराबर अपना इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाएं रखें यानी अपने शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत स्थिति में रखें. सवाल है कैसे रखें ? 
पहला यह कि हमेशा अपने शरीर को ऑक्सीजन युक्त और हाइड्रेटेड यानी जलयुक्त रखें 2) संतुलित खानपान करें, जिससे हमें प्रोटीन, विटामिन सहित सारे पोषक तत्व मिलते रहें. 3) नियमित व्यायाम, योगाभ्यास व खेलकूद 4) रात में प्रयाप्त व अच्छी नींद 5) सकारात्मक सोच 

बचाव के अन्य आसान उपाय 
1. किसी से भी मिलने पर हाथ मिलाकर नहीं, हाथ जोड़ कर यानी नमस्ते से अभिवादन करें. आम सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों से थोड़ा दूर से ही मिलें. 
2. संक्रमित स्थान पर या भीड़भाड़ वाले जगह पर जाने की बाध्यता हो तो मास्क, दस्ताने और चश्मा पहनकर जाएं.
3. बस, कैब, ऑटो, ट्रेन, प्लेन आदि में सफ़र करते वक्त कई बार रेलिंग, हैंडल आदि पकड़ने पड़ते है जो संक्रमित हो सकता है. अतः दस्ताने का उपयोग करें अन्यथा सेनीटाइजर का इस्तेमाल करें.
4. बाहर से घर आने पर ठीक से डेटाल साबुन से हाथ-पांव बढ़िया से धोएं. 
5. संक्रमित व्यक्ति से बिलकुल दूर रहें. इसकी सूचना मेडिकल ऑफिसर को दें. 
6. सुबह-सुबह गर्म नींबू पानी चाय की तरह सिप करें. 
7. सूर्योदय के आसपास शौच आदि से निवृत होकर पहले ताड़ासन, कटि-चक्रासन, भुजंगासन और शशांकासन करें या फिर कम-से-कम 4-5 राउंड सूर्यनमस्कार कर लें. फिर प्राणायाम यानी ब्रीदिंग एक्सरसाइज में अनुलोम-विलोम, कपालभाती और भ्रामरी कर लें. डीप ब्रीदिंग करने से हमारे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ता है और रक्त प्रवाह में भी गुणात्मक सुधार होता है. 
8. तुलसी और गिलोय के रस का सेवन भी लाभकारी है. 
9. तुलसी के चार-पांच पत्ते के साथ एक-दो दाना गोल मिर्च और लौंग को पान की तरह खूब चबा कर खाएं. 
10. सुबह-शाम आम चाय या कॉफ़ी के बजाय तुलसी, अदरक, गोलमिर्च, तेजपत्ता, लौंग, दालचीनी और इलाइची का काढ़ा बनाकर गर्म अवस्था में ही घीरे-धीरे पीएं. 
11. दिनभर में दो-तीन बार ग्रीन या हर्बल चाय भी पी सकते हैं. काफी लाभ होगा. अच्छा भी फील करेंगे. 
12. मांसाहारी खाना, जंक फ़ूड आदि का सेवन न करें. फल, सब्जी, दाल के साथ घर का बना सात्विक भोजन करें.
13. रात में गर्म दूध में थोड़ा हल्दी मिलाकर पीएं 
14. रात में सोने से पहले नाक के दोनों भाग में एक-एक बूंद सरसों का तेल डालें. अपने हथेली और तलवों में भी सरसों तेल से मालिश करके सोएं. नींद अच्छी आएगी और संक्रमण से बचाव भी होगा.
15. केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी  एडवाइजरी पर नजर बनाए रखें. केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा समय-समय पर जारी सूचनाओं एवं जानकारी का संज्ञान लें और उसका लाभ उठायें. 

बचाव संबंधी कुछ और इनपुट 
- 6 साल से कम उम्र के बच्चे तथा 60 साल से उपर के बुजुर्गों को ज्‍यादा सवाधान रहने की जरुरत है.
- बार-बार नाक, आंख एवं मुंह को छूने से बचें, खासकर जब आपका हाथ साफ़ न हो. 
- जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें.
- सुबह-शाम एक-एक चम्मच च्वयनप्राश का सेवन करें. रोग प्रतिरक्षात्मक शक्ति बढ़ेगी तो लाभ होगा.  
- वैज्ञानिकों का मानना है कि वातावरण का तापमान जैसे-जैसे 30 डिग्री सेल्‍सियस से ऊपर जायगा, इसके संक्रमण की संभावना वैसे-वैसे कम होती जाएगी. लिहाजा, फिलहाल अपने कमरे का तापमान 30 डिग्री सेल्‍सियस से अधिक रखने की कोशिश करें.
- वैज्ञानिक यह भी कहते हैं कि घर में फ्रेश एयर आने दें. संक्रमण का खतरा कम होगा. 
- याद रखें जिम्मेदार नागरिक के नाते हमें खुद भी कोरोना वायरस के संक्रमण से बचे रहना है और साथ ही अपने आसपास तथा जान-पहचान के लोगों को भी इससे बचे रहने के लिए प्रेरित और जागरूक करते रहना है.
(hellomilansinha@gmail.com)      
                 
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# दैनिक भास्कर में प्रकाशित
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