- मिलन सिन्हा
इधर कई दिनों से प्रसिद्ध न्यूज़ एजेंसी 'हिन्दुस्थान समाचार' द्वारा आज के दिन रांची में आयोजित होनेवाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय 'ऊर्जा संवाद' में झारखण्ड के मुख्यमंत्री सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं के भाग लेने की चर्चा चल रही थी. ऊर्जा संवाद कार्यक्रम में मुझे भी शामिल होना था. कार्यक्रम स्थल में पुलिस गेट से लेकर पूरे परिसर में मुस्तैद थी. कारण स्पष्ट था.
खैर, 'ऊर्जा संवाद' संगोष्ठी में जब मैं पहुंचा, तब तक कुर्सियां लगभग भर चुकीं थी, लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन की प्रतीक्षा में कार्यक्रम प्रारंभ होना बाकी था. पंजीकरण की औपचारिकता के बाद हॉल में बाकी आगंतुक भी अपना-अपना स्थान ग्रहण करते जा रहे थे. एकाएक बाहर हलचल बढ़ी तो पता चला कि मुख्यमंत्री आ रहे हैं. वे आ गए तो फटाफट कार्यक्रम शुरू हो गया. 'हिन्दुस्थान समाचार' के अध्यक्ष रवीन्द्र किशोर सिन्हा के स्वागत भाषण के बाद पद्मश्री बलबीर दत्त ने विषय प्रवेश का कार्य किया और फिर झारखण्ड सरकार के विकास आयुक्त द्वारा ऊर्जा, खासकर प्रदेश में बिजली की स्थिति का संक्षिप्त ब्यौरा प्रस्तुत किया गया. झारखण्ड के मुख्यमंत्री, कोल इंडिया के अध्यक्ष, पॉवर ग्रिड के पूर्व अध्यक्ष सहित बाद के वक्ताओं ने जो बताया उससे निम्नलिखित अहम बातें सामने आई:
- देश में आजादी के वक्त बिजली का कुल उत्पादन 1368 मेगा वाट था जो अभी बढ़कर 3,38,000 मेगा वाट हो गया है.
- सौर ऊर्जा ही हमारे गांवों के लिए सर्वथा उपयोगी है, जिसके लिए हमें अपना पारम्परिक नजरिया बदलना होगा.
- दिसम्बर,2014 में झारखण्ड के कुल 68 लाख परिवारों में से 30 लाख परिवार को बिजली उपलब्ध नहीं थी. पिछले तीन वर्षों में इसमें बहुत सुधार हुआ है और 2018 के अंत से पहले सभी घरों तक बिजली जरुर पहुंचाई जायेगी. ऐसा झारखण्ड सरकार का दृढ़ विश्वास है और प्रधानमंत्री का निर्देश भी.
- प्रधानमंत्री का तो कहना यह है कि देश के हर परिवार को 2018 की समाप्ति से पूर्व विश्वसनीय (reliable) और खर्च वहन करने योग्य (affordable) बिजली मिलने लगे.
- ऐसे, आंकड़े बताते हैं कि देश में प्रति व्यक्ति बिजली खपत विश्व औसत से मात्र एक तिहाई है, और चीनी औसत से भी.
- वर्ल्ड रिज़र्व के मुकाबले देश में गैस रिज़र्व मात्र 0.6 %, तेल रिज़र्व 0.4 % और कोल रिज़र्व 7% है.
- ताजा आंकड़ों के मुताबिक़ देश में सम्प्रति 300 बिलियन टन कोल रिज़र्व है.
- वर्तमान में देश में सालाना कोल उत्पादन 660 मिलियन टन होता है.
- अभी भी देश में कुल बिजली उत्पादन का करीब 60 % कोयले पर निर्भर है.
- बिजली के उत्पादन, संचरण एवं वितरण में जो तमाम तरह की कमियां और अनियमिततायें हैं, उन पर गंभीरता से ध्यान देने की जरुरत है.
- हमें ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत तो है, लेकिन साथ ही ऊर्जा के संरक्षण पर भी उतना ही ध्यान देना आवश्यक है.
- झारखण्ड के मुख्यमंत्री के अनुसार झारखण्ड राज्य 'पॉवर हब' बनने की ओर अग्रसर है.
आशा है, समय - समय पर ऐसे संवाद आयोजित होते रहेंगे, क्यों कि जनसंवाद से समस्या समाधान की ओर अग्रसर होने की प्रक्रिया समावेशी विकास और लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद जरुरी है. आप क्या कहते हैं?
(hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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