- मिलन सिन्हा
पेड़ के शिखर पर बैठा
अपने में व्यस्त
पूर्णतः मदमस्त
एक बगुला दूध -सफ़ेद
जो जानता - समझता
हर खेल का भेद
झट खोज लेता
हर कानून में छेद
फिर जुट जाता
करने काले को सफ़ेद
क्या करता है
आपको कुछ संकेत ?
जरा सोचिये,
वह पेड़ नहीं
राजनीति है, राजनीति।
और वह दूध -सफ़ेद बगुला ?
समझ गए न !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
# प्रवासी दुनिया .कॉम पर प्रकाशित
पेड़ के शिखर पर बैठा
अपने में व्यस्त
पूर्णतः मदमस्त
एक बगुला दूध -सफ़ेद
जो जानता - समझता
हर खेल का भेद
झट खोज लेता
हर कानून में छेद
फिर जुट जाता
करने काले को सफ़ेद
क्या करता है
आपको कुछ संकेत ?
जरा सोचिये,
वह पेड़ नहीं
राजनीति है, राजनीति।
और वह दूध -सफ़ेद बगुला ?
समझ गए न !
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते। असीम शुभकामनाएं।
# प्रवासी दुनिया .कॉम पर प्रकाशित
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