Saturday, November 10, 2012

तीन लघु कविताएं : मोह, कारगर, महान

                                                                                      - मिलन सिन्हा 
मोह
जीवन 
आनन्ददायक है, 
किसके लिए ?
जिसने 
इसका  मोह 
त्याग दिया है, 
उसके लिए !

कारगर
स्वतन्त्रता 
कारगर है, 
कब ?
इसके साथ जब 
रोटी भी हो, 
तब !

महान 
आदमी 
महान  बनेगा, 
कब ?
वह जब 
'मैं' से निकल कर 
'ममेतर' में जायेगा, 
तब ! 

# जीवन साहित्य के दिसम्बर '८१ अंक में प्रकाशित 

                       और भी बातें करेंगे, चलते चलते असीम शुभकामनाएं

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