Tuesday, January 5, 2021

स्ट्रेस मैनेजमेंट: शॉर्टकट से बचें

                                          - मिलन  सिन्हा,  स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड वेलनेस कंसलटेंट 

देखा गया है कि येनकेन प्रकारेण कोई वस्तु या मुकाम प्राप्त करने की मंशा कई प्रकार के तनाव का कारण बनते हैं.
सोचनेवाली बात है कि जिंदगी कोई 20-20 क्रिकेट मैच तो नहीं है कि जल्दी-जल्दी जो चाहो उसे पा लो. लेकिन जो लोग जिंदगी को शॉर्टकट के रास्ते जीना चाहते हैं, उन्हें अप्रत्याशित परेशानी से जूझने  के लिए तैयार भी रहना चाहिए. विशेषज्ञ बताते हैं कि शॉर्टकट की मानसिकता वाले लोग मुश्किलों का सामना करने से घबराते हैं और जब कुछ चीजें, चाहे छोटी ही क्यों न हो, इस रास्ते से पाने में सफल हो जाते हैं, तो बस शॉर्टकट ही उनका एक मात्र रास्ता बन जाता है, क्यों कि तब तक तो ऐसे लोगों का आत्मविश्वास पहले की तुलना में काफी नीचे चला जाता है. आत्मविश्वास की कमी से तनाव को झेलना काफी मुश्किल हो जाता है. इससे तनाव में और वृद्धि होती है और उस अवस्था में सही-गलत का निरपेक्ष विश्लेषण नहीं हो पाता है और यह पाया गया है कि अधिकांश निर्णय गलत होता है. यह एक छोटे चक्रव्यूह से निकलने के बजाय बड़े चक्रव्यूह में फंसने जैसा है. सालभर मौज-मस्ती या अन्य गैरजरूरी कार्य में समय व्यतीत करने वाले छात्र-छात्राओं का परीक्षा से पहले शॉर्टकट तरीके से कोर्स पूरा करने का प्रयास सफल  नहीं होता है. ऐसे वक्त में उनका तनाव बढ़ना बिलकुल स्वाभाविक है. अंतिम क्षण में अपने इच्छानुसार सब कुछ पाने की कोशिश तनाव को खुला निमंत्रण है. तनाव प्रबंधन में एक चीज हमेशा याद रखनी चाहिए और वह यह कि जैसा बोयेंगे, कमोबेश वैसा ही काटना पड़ेगा. गलत मार्ग से सही मंजिल तक पहुंचना हर बार कहां मुमकिन है. 


सार-संक्षेप यह कि अपने शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निश्चित कार्ययोजना बनाकर उस पर गंभीरता से अमल करें. तनाव कम होगा और रिजल्ट अच्छा होगा.  

  (hellomilansinha@gmail.com) 

      
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 
# "दैनिक जागरण" में 12.12.20 को  प्रकाशित  
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com 

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