- मिलन सिन्हा, हेल्थ मोटिवेटर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट
सूर्य के बिना जीवन की कल्पना नामुमकिन है. हमारे देश में हजारों वर्षों से सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है. सूर्य की पहली किरण हमारे लिए रोज एक नयी सुबह लेकर आती है. हरेक के जीवन में आशा, उत्साह, उर्जा और उमंग को प्रतिबिंबित करती है ये किरणें. दिलचस्प बात है कि सूर्य हमें सिर्फ प्रकाश और ऊर्जा प्रदान नहीं करते, बल्कि हमारे लिए वायु, जल, अन्न, फल और साग-सब्जी का भी प्रबंधन करते हैं. इतना ही नहीं, सूर्य की किरणों का हमारी सेहत से गहरा रिश्ता है. हम सभी जानते हैं कि धूप विटामिन-डी का सबसे सशक्त, प्रभावी और आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक स्रोत है.
ज्ञातव्य है कि हमारा देश विश्व के ऐसे देशों में शामिल है, जहां लोगों को सूर्य की रोशनी पर्याप्त मात्रा में कमोबेश हर मौसम में उपलब्ध होती है. फिर भी हाल में एक रिसर्च में जो तथ्य सामने आया है उसके मुताबिक़ देश में बड़ी संख्या में लोगों में विटामिन-डी की कमी पाई गई है, जिसके कारण उन लोगों का कई सारे रोग के चपेट में आने का खतरा स्वतः बढ़ जाता है.
दरअसल फ़ास्ट लाइफ के वर्तमान दौर में मुफ्त में मिलनेवाली धूप के विषय में ठीक से जानने, समझने और उसका आनन्द ही नहीं, बल्कि हेल्थ के सन्दर्भ में उसका अपेक्षित लाभ उठाने का अवसर नहीं मिल पाता है या उसके प्रति अपेक्षित जागरूकता का अभाव है.
रोचक तथ्य है कि सूर्य न केवल हमें बल्कि सम्पूर्ण ब्रह्मांड को ऊर्जा प्रदान करता है. सूर्य की सप्तरंगी किरणें रोगनिवारक होती हैं. धूप के सेवन से हमारा शरीर अनेक प्रकार की बीमारियों से बचा रहता है. प्रकृति विज्ञानी तो कहते हैं कि सूर्य एक प्राकृतिक चिकित्सालय है. ऐसी मान्यता बिलकुल सही है जब हम आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के तराजू पर धूप के असीमित फायदों को तौलते हैं.
1. धूप के कारण हमारे शरीर को उचित मात्रा में विटामिन-डी मिलने पर कैल्शियम शरीर में ठीक से एब्जोर्ब यानी अवशोषित होता है. इसी कारण विटामिन-डी को शरीर में हड्डियों की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. हड्डियां कमजोर होने से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ता है. हम ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार भी हो सकते हैं.
2. धूप का नियमित सेवन न करने यानी विटामिन-डी की कमी से दिल की बीमारी भी होती है. हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. मांस -पेशियों में दर्द रहता है जिससे कई अन्य दिक्कतें भी पैदा होती हैं.
3. सूरज की किरणों में एंटी कैंसर तत्व होने से कैंसर का खतरा टलता है. जिन्हें कैंसर है, उन्हें धूप से बीमारी में आराम महसूस होता है. कई शोधों से यह बात सामने आई है कि जहां धूप कम समय के लिए होती है या जो लोग धूप में कम समय बिताते हैं, कैंसर की आशंका वहां ज्यादा होती है.
4. धूप के कारण शरीर गर्म होता है. नाड़ियों में रक्त प्रवाह सुचारू रहता है. इससे शरीर के सारे अंग सक्रिय रूप से काम करते हैं. धूप के सेवन से जठराग्नि ज्यादा सक्रिय रहती है. फलतः पाचनतंत्र बेहतर ढंग से काम करता है और खाना ठीक से पचता है. नतीजतन हमारे शरीर को अपेक्षित पोषण मिलता है और सेहत ठीक रहती है.
5. शरीर को अपेक्षित धूप न मिलने के कारण सेरोटोनिन तथा एंडोर्फिन जैसे फील गुड और फील हैप्पी हार्मोन का यथोचित स्राव नहीं होता है जिससे तनाव और अवसाद से ग्रस्त लोगों को ज्यादा परेशानी होती है. ऐसे भी सुबह की धूप हमारे मन -मष्तिष्क को आनंदित करता है.
6. धूप का संबंध हमारी नींद से भी है. नींद की क्वालिटी को प्रभावित करनेवाला मेलाटोनिन नामक हार्मोन का स्राव धूप सेंकने से अच्छी तरह संभव हो पाता है, क्यों कि धूप का सीधा असर हमारे शरीर के पीनियल ग्रंथि पर होता है जिससे यह हार्मोन निकलता है.
7. धूप का सेवन त्वचा संबंधी कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है. एक्ने, सोरायसिस और एग्जिमा इनमें से कुछ हैं. दरअसल, धूप सेंकने से हमारा खून साफ़ होता है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. धूप के सेवन से कई तरह के संक्रमण अपने-आप ख़त्म हो जाते हैं.
8. जाड़े के मौसम में धूप में बैठने से शरीर को गर्मी मिलती है, जिससे शरीर की जकड़न दूर होती है और ठंड के कारण आई अंदरूनी परेशानियां दूर होती है. इससे हड्डियों और मांसपेशियों को बहुत लाभ मिलता है.
9. नियमित रूप से कुछ समय धूप का सेवन करने से सर्दी-जुकाम से बराबर पीड़ित रहनेवाले लोगों को बहुत फायदा होता है. दरअसल, धूप में बैठने से हमारे शरीर में वाइट ब्लड सेल्स की संख्या तेजी से बढ़ती है जो रोग का प्रतिकार कर पीड़ित व्यक्ति को राहत पहुंचता है.
हां, एक वाजिब सवाल हैं कि किस समय और कितनी देर धूप का सेवन स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है?
सुबह की धूप हमेशा अच्छी होती है. मौसम के हिसाब से कहें तो जाड़े में सुबह 12 बजे तक आधे घंटे तक धूप का सेवन बेहतर लाभ पहुंचाता है. गर्मी में सुबह 9-10 बजे तक का समय उपयुक्त है. जो लोग सुबह धूप का लाभ नहीं उठा सकते वे अपराह्न सूर्यास्त से पहले यानी 4-6 बजे के बीच इसका आनंद ले सकते हैं.
ध्यान रहे कि किसी भी मौसम में चिलचिलाती धूप में बैठना-लेटना सही नहीं है. जैसे कोई भी चीज बहुत अधिक ठीक नहीं होती, वैसे ही बहुत देर तक धूप में बैठे रहना भी हानिकारक है. इससे स्किन कैंसर, आंख की परेशानी, एलर्जी आदि का खतरा रहता है.
अंत में एक और विचारणीय बात. लाइफ कितना भी फ़ास्ट हो, प्राथमिकताओं का सही प्रबंधन करते हुए हम सभी अपनी सेहत को ठीक रखने के लिए रोज थोड़ा वक्त तो निकाल ही सकते हैं. कहते हैं न कि जहां चाह, वहां राह. उदाहरण के लिए अगर हम सूर्योदय के बाद वाकिंग करते हैं तो हमें अनायास ही थोड़ी देर धूप में भी रहने का अवसर मिल जाता है. शनिवार-रविवार या अवकाश के दिन अगर बच्चों के साथ किसी पार्क में चले गए तो बच्चों का मनोरंजन और व्यायाम हो जाएगा तथा साथ में सबको धूप में रहने का मौका भी मिल जाएगा. उसी तरह जब भी मौका मिले, थोड़ा सन बाथ लेने का प्रयास करेंगें तो सेहत को ठीक रख पायेंगे.
(hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# दैनिक भास्कर में प्रकाशित
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