- मिलन सिन्हा
# लोकप्रिय अखबार , 'हिन्दुस्तान' में 22 मई , 1997 को प्रकाशित
चारों मित्र
कुशाग्र बुद्धि वाले एवं मेहनती थे. इत्तफाक से चारों ने एक साथ एक ही संस्था में
अधिकारी के रूप में योगदान किया.
कुछ ही वर्षों में चारों अधिकारियों की पहचान कुशल एवं
अच्छे अधिकारियों के रूप में होने लगी. परन्तु समय के साथ राजन विभागीय प्रमोशन
पाता गया. बाकी तीनों पीछे छूट गए.
लोगों के बीच में यह एक पहेली थी. आखिर राजन में क्या है,
जो अन्य तीनों में नहीं.
ऐसे ही समय अधिकारी संघ के अध्यक्ष का आगमन हुआ. कई विषयों
पर लोगों ने उनसे चर्चा की. एक अधिकारी ने राजन की त्वरित प्रोन्नति के बाबत भी
पूछा. अघ्यक्ष ने जवाब दिया, ‘राजन साहब में जो योग्यता है वो आप लोगों में नहीं.
जानते हैं, पिछले प्रमोशन से पूर्व साक्षात्कार के दौरान जब उनसे पूछा गया कि अगर
उनसे कहा जाये कि पचास कर्मचारियों के खिलाफ बिना जांच के निलम्बन का आदेश देना हो
तो वे क्या करेंगे ? जवाब में राजन साहब ने बिना संकोच के ऐसा करने की बात कही.
बताइये, आप में से किसी और में ऐसी योग्यता है ?’
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
# लोकप्रिय अखबार , 'हिन्दुस्तान' में 22 मई , 1997 को प्रकाशित
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