Saturday, June 13, 2015

मोटिवेशन : मौसम के साथ एडजस्टमेंट

                                                                                     - मिलन सिन्हा 

clipदेशभर में अप्रत्याशित गर्मी पड़ रही है, मानसून की पहली फुहार का इन्तजार लम्बा हो रहा है और ऊपर से मौसम वैज्ञानिकों ने इस बार सामान्य से कम वर्षा का अनुमान भी व्यक्त किया है. गर्मी से सब बेहाल हैं, विशेष कर बच्चे, बूढ़े और ऐसे करोड़ों देशवासी जो रोटी, कपड़ा, मकान जैसे बुनियादी आवश्यकताओं से आज भी जूझ रहे हैं. देश की राजधानी दिल्ली सहित देश भर में पानी की घोर किल्लत है. आम लोगों को पीने का पानी भी बमुश्किल मिल पा रहा है. गाँवों में तो फिर भी कुछ पेड़-पौधे बचे हैं जिनके छाँव में लोग सकून के कुछ पल गुजार सकते हैं, लेकिन हमारे अधिकांश महानगरों, नगरों एवं कस्बों में बढ़ती जनसंख्या  तथा निरंतर कटते–उजड़ते पेड़ों-बागों के बीच ईंट-कंक्रीट-सीमेंट  के जंगल जिस बेतरतीब ढंग से फैलते गए हैं और जहां दो पहिया–चार पहिया वाहनों द्वारा उत्सर्जित गैस आदि के कारण प्रदूषण व तापमान में इजाफा हो रहा है, वहां इस मौसम में बाहर जाकर काम करना सेहत के लिए मुश्किलें पैदा करने वाला साबित हो रहा है. अनेक लोग तो लू, डिहाइड्रेशन आदि से मर भी रहे हैं. बहरहाल, मौसम के बदलते मिजाज को अपने अनुकूल बनाना नामुमकिन नहीं तो बेहद मुश्किल जरुर है और यह एक दीर्घकालिक पर्यावरण संरक्षण अभियान के बिना  संभव भी नहीं  हो सकता है. ऐसी परिस्थिति में मौसम के अनुकूल अपने रहन-सहन, आहार और पहनावे के साथ –साथ घर-ऑफिस के परिवेश को एडजस्ट करना बुद्धिमानी होगी . मसलन, गर्मी के इस मौसम में प्राकृतिक तौर पर उपलब्ध या तैयार तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना चाहिए. नारियल पानी, बेल का शर्बत, सत्तू का घोल आदि पीना लाभदायक साबित होगा. घर से निकलने से पहले जरुर कुछ खा-पी लें और साथ में पानी का बोतल रख लें . पहनावे में  काले व गाढ़े रंग के बजाय सफ़ेद या बिलकुल हलके रंग के थोड़े ढीले सूती कपड़े पहनना मुनासिब होगा. संभव हो तो सुबह –शाम स्नान करें.  घर-ऑफिस के दरवाजों एवं खिड़कियों में खसखस की चटाई या मोटे सूती कपड़े के परदे लगाने चाहिए. कहने की जरुरत नहीं कि भीषण गर्मी के ऐसे मौसम में स्टाइलिश दिखने से ज्यादा आवश्यक है  सेहतमंद रहना एवं दिखना . 
                     
                  और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं

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