- मिलन सिन्हा
हमारे महान देश में
जब जब घोटाला होता है
और
हमारे मंत्रियों , नेताओं आदि पर
गंभीर आरोप लगाया जाता है
तब तब सरकार द्वारा
पहले तो इसे बकवास
बताया जाता है
लेकिन,
ज्यादा हो-हल्ला होने पर
एक जांच आयोग
बैठा दिया जाता है
आयोग का कार्यकाल
महीनों, सालों का होता है
आयोग में
ऐसे-ऐसे लोग रक्खे जाते हैं
जो जल्दबाजी में
विश्वास नहीं करते हैं
और
गोल-मोल अनुशंसा करने में
बहुत दक्ष माने जाते हैं
फिर देश की
सरकारी व्यवस्थाओं की भांति
लोगों की यादाश्त भी
काफी कमजोर होती है
सो, कुछ ही दिनों के बाद
सारी बातें
आई गई हो जाती हैं
और फिर
आयोग का जो भी रपट
जब भी आता है
उसका कुल योग
यह होता है कि
उनके सुझाओं को
सरकार कैसे लागू करे
इसके लिए
एक नया आयोग
फिर गठित होता है
इस तरह
इस महान देश में
घोटाले होते रहते हैं
विवाद उठते रहते हैं
और
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