Tuesday, December 10, 2019

मेहनत का कोई विकल्प नहीं

                                                             - मिलन  सिन्हा,  मोटिवेशनल स्पीकर... ...
मेहनत का फल मीठा होता है, ऐसा सभी कहते हैं, जानते और मानते भी हैं. कर्म और फल के चिरपरिचित रिश्ते के विषय में सभी को मालूम है. सतत कड़ी मेहनत के सहारे साधारण विद्यार्थियों को असाधारण सफलता हासिल करते हुए देखना कोई असामान्य बात नहीं है. मेधावी छात्र-छात्राओं को औसत रिजल्ट पाते हुए देखना भी उतना ही सच है, क्यों कि वहां मेहनत का अभाव होता है. कछुआ और खरगोश की कहानी सभी विद्यार्थियों ने बचपन में ही पढ़ी है. खरगोश कछुआ की तुलना में बहुत तेज भाग सकता है, लेकिन दोनों के बीच के दौड़ में कछुआ विजयी होता है, खरगोश नहीं. कारण धीमी गति से चलनेवाला कछुआ सतत चलता रहा यानी सतत मेहनत करता रहा, जब कि बहुत तेज गति से दौड़नेवाले खरगोश ने ऐसा नहीं किया. स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या किसी अन्य संस्थान में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के साथ भी ऐसा ही होता है.

बिना कड़ी मेहनत के जीवन के किसी क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल करना संभव नहीं होता है. क्रिकेट से लेकर कबड्डी तक, संगीत से लेकर नृत्य तक, चिकित्सा विज्ञानं से लेकर अन्तरिक्ष विज्ञानं तक हर क्षेत्र में सफलता का झंड़ा गाड़नेवाले लोगों की जीवन यात्रा कड़ी मेहनत की कहानी कहता है. प्रसिद्ध अमेरिकी फुटबॉल खिलाड़ी तथा कोच विन्सेंट थॉमस लोम्बार्डी सही कहते हैं कि लीडर  पैदा  नहीं  होते, खुद बनते हैं - कड़ी मेहनत की वजह से. और  यही  वो  कीमत  है  जो  इस  या  किसी  और  लक्ष्य   को  प्राप्त  करने  के  लिए  चुकानी  पड़ती  है.

आइए, यहां देश के दो महान सपूतों की थोड़ी चर्चा करते हैं, जिन्होंने कड़ी मेहनत के बलबूते साधारण से असाधारण बनकर इतिहास रचा और देश का नाम रौशन किया. पहले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के विषय में जानते हैं.  शास्त्री जी जब मात्र डेढ़ वर्ष के थे उस समय ही उनके पिता जी का देहांत हो गया. पैसे के अभाव में उन्हें नंगे पांव ही कई किलोमीटर दूर अपने स्कूल जाना पड़ता था - गर्मी, सर्दी और बरसात हर मौसम में. स्वतंत्रता संग्राम के दिनों की बात हो या बाद में केंद्र में कई मंत्रालयों के मंत्री और अंत में प्रधानमंत्री की बात हो, हमेशा कड़ी मेहनत करके उन्होंने अपनी क्षमता और दक्षता का उत्कृष्ट उदहारण पेश किया. एक प्रश्न के उत्तर में शास्त्री जी ने एक बार कहा था कि मेहनत तो प्रार्थना करने के समान है. अर्थात पूरी निष्ठा और आस्था के साथ मेहनत करने में वे विश्वास करते थे.  

विख्यात वैज्ञानिक एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम का जीवन भी कड़ी मेहनत की प्रेरक  दास्तान है. बचपन में सुबह-सवेरे अखबार वितरित करने के बाद स्कूल में पढ़ने जाने से लेकर घर के अन्य कार्य में सक्रिय रूप से लगे रहना उनका रोज का रूटीन था. पढ़ाई हो या रिसर्च या आम लोगों को अपने भाषण या सुझाव से प्रेरित  करने की बात हो, वे हर जिम्मेदारी को कड़ी मेहनत और लगन से बखूबी निभाते थे. राष्ट्रपति के रूप में भी वे सुबह से लेकर देर रात तक बहुत  मेहनत और लगन से कार्यों का निष्पादन में लगे रहते थे. विद्यार्थियों के साथ अपने वार्तालाप में वे हमेशा उनको भी कड़ी मेहनत के लिए प्रेरित किया करते थे.

विश्वविख्यात एप्पल कंपनी के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स कहते हैं, "कोई भी सफलता एक रात में नहीं मिलती है. उसके पीछे जाने कितने वर्षों की कड़ी मेहनत होती है." सौ फीसदी सही बात है. सभी विद्यार्थियों को इस बात को ठीक से समझने की जरुरत है. तभी वे हर पल का सदुपयोग करते हुए नियमित रूप से कड़ी मेहनत करेंगे - मामला अध्ययन का हो या खेलकूद का या अन्य कैरियर बिल्डिंग एक्टिविटी का. दरअसल, मेहनत को एन्जॉय करनेवाले विद्यार्थी छोटा-बड़ा  सब सवाल या प्रॉब्लम हल करते हैं, खूब प्रैक्टिस करते हैं और बीच-बीच में अपना टेस्ट खुद ही लेते हैं.  ऐसा इसलिए भी कि उन्हें सब चीज अच्छी तरह सीखने की इच्छा रहती है जिससे कि वे परीक्षा या टेस्ट में अच्छे मार्क्स ला सकें और साथ में उस क्षेत्र में काबिल भी बन सकें. हर क्षेत्र में सभी अच्छे विद्यार्थी इसी सिद्धांत पर अमल करके सफल होते रहे हैं.  सच कहें तो ऐसे सभी विद्यार्थी प्रसिद्ध कवि अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की कर्मवीर शीर्षक कविता की इन पंक्तियों को वास्तव में रोज  जीते हैं : "जो कभी अपने समय को यों बिताते हैं नहीं / काम करने की जगह बातें बनाते हैं नहीं / आज  कल करते हुए जो दिन गँवाते हैं नहीं / यत्न करने से कभी जो जी चुराते हैं नहीं / बात है वह कौन जो होती नहीं उनके लिए / वे नमूना आप बन जाते हैं औरों के लिए."                               (hellomilansinha@gmail.com)       
                 
                और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं 

# लोकप्रिय साप्ताहिक "युगवार्ता" के 27.10.2019 अंक में प्रकाशित
#For Motivational Articles in English, pl. visit my site : www.milanksinha.com

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