- मिलन सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर...
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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कुछ ही दिनों में सीबीएसइ की दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षा सहित प्रादेशिक बोर्ड की परीक्षाएं भी प्रारंभ हो रही हैं. छात्र–छात्राएं तैयारी में पूरी तरह जुट गए हैं. अभिभावक–शिक्षक की व्यस्तता भी बढ़ गई है. सही है.
जरा सोचें कि परीक्षा आखिर है क्या, तो पायेंगे कि यह तो वाकई विद्यार्थियों के धैर्य, दिमागी संतुलन, ज्ञान एवं समय प्रबंधन का एक टेस्ट मात्र है. दूसरे शब्दों में, उन्होंने अबतक जो कुछ पढ़ा है, सीखा है, जाना है, समझा है, और अगले कुछ दिनों तक उसमें जो कुछ जोड़ेंगे, उसके आधार पर परीक्षा में एक नियत समय सीमा के भीतर पूछे गए प्रश्नों का सटीक जबाव देना है.
कुछ लोग परीक्षा को ‘पर इच्छा’ भी कहते हैं. अगर यह सही है तो परीक्षा में सब कुछ अपनी इच्छा के अनुरूप हो, यह जरूरी नहीं. इसलिए, परीक्षा के पहले यह अपेक्षित है कि कूल -कूल और नार्मल रहते हुए यथासाध्य प्रयास करते रहें. इसके लिए संतुलित जीवनशैली अपनाकर खुद को फिट एवं जीवंत बनाए रखना बहुत लाभकारी होता है. हालांकि इस दौरान अमूमन यह देखने में आता है कि अध्ययन के नार्मल रूटीन के साथ -साथ छात्र-छात्राओं की अन्य सामान्य दिनचर्या तक अस्त-व्यस्त हो जाती है. कहने का मतलब यह कि उन्हें न तो समय पर खाने की फ़िक्र रहती है और न ही समय पर सोने की, जब कि परीक्षा की पूरी अवधि में खाने और सोने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, जितना कि पढ़ने पर. ऐसा इसलिए कि यथासमय आहार व नींद से दूर रहने पर वे पर्याप्त शारीरिक एवं मानसिक शक्ति से युक्त नहीं रह सकते हैं. इसके एक दुष्प्रभाव के रूप में उनमें नकारात्मक विचारों में वृद्धि हो जाती है और वे अचानक ही खुद को अनेक समस्याओं से घिरे पाते हैं; परीक्षा के दौरान बीमार पड़ने की संभावना भी बढ़ जाती है; और फिर परीक्षा में बेहतर परफॉर्म करना कठिन हो जाता है. तो क्या करें?
रात में जल्दी सोयें और सुबह जल्दी उठें. नित्यक्रिया से निवृत होकर कम-से-कम 15 मिनट वार्मअप एक्सरसाइज एवं प्राणायाम –ध्यान कर लें. सुबह नाश्ता खूब बढ़िया से करें यानी पौष्टिक आहार लें. सच पूछें तो घर में उपलब्ध एवं तैयार पौष्टिक नाश्ते से प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन, मिनिरल आदि पर्याप्त मात्रा में मिल जाता है जो हमें शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए काफी है. दोपहर के खाने में चावल या रोटी के साथ दाल, मौसमी हरी सब्जी, दही, सलाद का सेवन करें. अपने आहार में मौसमी फलों को भी शामिल करें. रात के खाने को सादा एवं सबसे हल्का रखें और नौ बजे तक खाना खा भी लें. हाँ, जंक, बाजारू एवं प्रोसेस्ड चीजों से बचने की हरसंभव कोशिश करें. डिनर पार्टी आदि से दूर रहें. परीक्षा के दिन यथासंभव सादा एवं सुपाच्य भोजन करें, मसलन दाल–रोटी, दही–चूड़ा, खिचड़ी, इडली-सांभर आदि. खाना खूब चबाकर खाएं और शरीर को बराबर हाइड्रेटेड रखें, अर्थात पानी पीते रहें.
चिकित्सा विज्ञान कहता है कि रात में अपर्याप्त नींद के कारण हमारा स्वास्थ्य खराब हो जाता है. ऐसे लोगों का स्ट्रेस हॉर्मोन्स काफी बढ़ जाता है जिसके चलते वे एकाधिक रोगों की चपेट में आ जाते हैं. लिहाजा, रात में सात–आठ घंटा जरुर सोयें. रात की अच्छी नींद सुबह आपके लिए ताजगी, उमंग व उत्साह का उपहार लेकर आती है. हाँ, सोने से पहले अपना मोबाइल बंद कर लें तो उत्तम, नहीं तो कम से कम साइलेंट मोड पर जरूर कर लें. मोबाइल को सोने के स्थान से दूर रखें. एक और बात. ध्वनि तथा प्रकाश अच्छी नींद को बाधित करते हैं. सोने से पहले इसका ध्यान रखें तो बेहतर. मौका मिले तो दोपहर में भी थोड़ी देर (घंटा भर) सो लें – रीफ्रेशड फील करेंगे.
सार-संक्षेप यह कि परीक्षा से पहले अब जितने दिन शेष है, उसका बेहतर उपयोग करें. किस विषय में और कितना समय दे सकते हैं, उसका सही आकलन कर एक स्मार्ट कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल करें. जो समय बीत गया, उसकी चिंता इस वक्त कतई न करें. प्रख्यात कवि हरिवंश राय बच्चन ने लिखा है न, 'जो बीत गयी सो बात गयी ….' बेहतर तो यह है कि अब जो कर सकते हैं उसी पर फोकस करें. यथासाध्य और यथासंभव रीविजन करें, लिखने का अभ्यास भी करें. कहते हैं न, ‘प्रैक्टिस मेक्स ए मैन परफेक्ट’. फार्मूला, महत्वपूर्ण पॉइंट्स आदि पर विशेष ध्यान दें, उन्हें अंडरलाइन करें, हाईलाइट करें.
परीक्षा जैसे नाजुक अवसर पर यह भी देखा गया है कि ज्यादातर स्टूडेंट यह सोच-सोच कर परेशान रहते हैं कि दोस्त क्या पढ़ रहे हैं, क्या कर रहें हैं. ऐसा सोचना बहुमूल्य समय की बेवजह बर्वादी है. ऐसे वक्त दोस्त को फ़ोन करना नाइंसाफी से कम नहीं. ऐसे में अपना मोबाइल बंद कर लें तो उत्तम, नहीं तो कम से कम साइलेंट मोड पर जरूर कर लें. फेस बुक आदि से इस समय दूर ही रहें तो अच्छा. बस खुद पर और परीक्षा की अपनी तैयारी पर ध्यान केन्द्रित करें.
अंत में एक छोटी-सी बात और. परीक्षा के दौरान “टेक-इट-इजी” सिद्धांत को फॉलो करें. इस सिद्धांत के तहत प्रश्नों को पहले ठीक से पढ़ना, समझना और फिर उत्तर देना चाहिए. इस अवसर पर ‘स्मार्ट समय प्रबंधन’ आपके परफॉरमेंस और परीक्षाफल को बेहतर बनाता है. (hellomilansinha@gmail.com)
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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