- मिलन सिन्हा
जीवन में संतुलन की अनिवार्यता से कोई इन्कार
नहीं कर सकता, तथापि ज्यादातर लोग असंतुलित जीवन जीते हैं, कुछ जानबूझ कर
तो अधिकतर लोग अनजाने में. ऐसे लोगों के जीवन में झांक कर देखें तो पता लगता
है कि बुद्धि एवं श्रम का यथोचित इस्तेमाल करने के बावजूद उनके जीवन में संतुष्टि,
सुख व सकून की कमी बनी रहती है, बेशक वे आर्थिक रूप से थोड़े मजबूत बन जाएं. बहरहाल, यह तो
सच है कि यदि चौबीस घंटे में अठारह–बीस घंटे मुस्तैदी से काम करेंगे तो कार्य क्षेत्र में आगे
तो रह सकते हैं, लेकिन इसके लिए पारिवारिक सुख के अलावे नींद व आराम से समझौता
करना पड़ेगा जिसका प्रत्यक्ष असर शीघ्र ही हमारे स्वास्थ्य पर दिखने लगेगा. फलतः हम
देर सवेर बीमार पड़ेंगे, काम से छुट्टी लेकर घर पर पड़े रहेंगे. अब बीमार रहने के
दौरान चिकित्सा पर हुए खर्च, स्वास्थ्य पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव एवं घर–परिवार
की चिंता–बेचैनी का हिसाब–किताब न भी
लगाएं और सिर्फ समय संदर्भित गणना करें तो पायेंगे कि औसतन हमने इस दरम्यान
प्रतिदिन सात–आठ घंटे ही काम किया जो कि हम रोजाना नियमपूर्वक आसानी से कर सकते
हैं.
मजेदार बात यह है कि इसका उलटा भी उतना ही सच है. कहने का तात्पर्य यह कि अगर हम चौबीस घंटे में अठारह –बीस घंटे सोते रहें, आराम करते रहें, उसका भी बुरा असर हमारे सेहत व जिंदगी पर लाजिमी है. तो क्या करना चाहिए? दिन के चौबीस घंटे को तीन हिस्से में बांट लें और फिर प्रत्येक आठ घंटे को i) काम ii) नींद व आराम तथा iii) घरेलू- सामाजिक जिम्मेदारी, मनोरंजन आदि के लिए निर्धारित करके उसके अनुरूप चलें. इस तरह हम ‘वर्क–लाइफ बैलेंस’ को व्यवहार में चरितार्थ कर जीवन को सम्पूर्णता में जी भी सकेंगे और उसका भरपूर आनंद भी उठा सकेंगे.
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
मजेदार बात यह है कि इसका उलटा भी उतना ही सच है. कहने का तात्पर्य यह कि अगर हम चौबीस घंटे में अठारह –बीस घंटे सोते रहें, आराम करते रहें, उसका भी बुरा असर हमारे सेहत व जिंदगी पर लाजिमी है. तो क्या करना चाहिए? दिन के चौबीस घंटे को तीन हिस्से में बांट लें और फिर प्रत्येक आठ घंटे को i) काम ii) नींद व आराम तथा iii) घरेलू- सामाजिक जिम्मेदारी, मनोरंजन आदि के लिए निर्धारित करके उसके अनुरूप चलें. इस तरह हम ‘वर्क–लाइफ बैलेंस’ को व्यवहार में चरितार्थ कर जीवन को सम्पूर्णता में जी भी सकेंगे और उसका भरपूर आनंद भी उठा सकेंगे.
और भी बातें करेंगे, चलते-चलते । असीम शुभकामनाएं।
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