Friday, October 26, 2012

आज की कविता : संकल्प

                                                                                  -मिलन सिन्हा 
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जो है खरा 
झंझावात में भी वही 
रह पायेगा खड़ा .
नहीं दिखेगा वह 
कभी भी डरा-डरा .
कोई भी उसे 
अपने संकल्प से 
नहीं डिगा पायेगा 
पर,
जो खोटा  है 
भले ही मोटा है 
देखने में 
चिकना चुपड़ा  है 
सौन्दर्य प्रसाधनों का 
चलता-फिरता विज्ञापन है,
मुखौटा हटते ही 
उसका असली चेहरा दिखेगा 
तब क्या वह 
किसी के सामने 
बिना  बैसाखियों के 
खड़ा भी रह पायेगा ?

  # प्रवक्ता . कॉम  पर प्रकाशित 

                      और भी बातें करेंगे, चलते-चलते असीम शुभकामनाएं

2 comments:

  1. Good comparison between Khara and Khota.Good makeup good clothes can not cover the bad qualities.Makeup is failed attempt to rectify the error committed/ommitted by God E.g. lipistic.G.P.Tripathi.

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    1. आपकी प्रतिक्रिया के लिए धन्यवाद। आपको मेरी असीम शुभकामनाएं।

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